‘बाबूजी जरा धीरे चलो’ वाले गाने में बिजली गिरने का जिक्र आता है. लेकिन हिमालय की इस बिजली (Gigantic jets) को, बाबूजी के धीरे-तेज चलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि ये गिरती नहीं है उड़ती है. माने ये बिजली नीचे से ऊपर की तरफ जाती है. आमतौर पर कड़कने वाली बिजली से 50 गुना ज्यादा शक्तिशाली होती है. बहुत सौभाग्य या मेहनत से ही इनको देखा जा सकता है. क्योंकि ये होती है बेहद दुर्लभ. लेकिन हाल में NASA ने इनकी एक फोटो शेयर की है, जिसमें इनके बारे में बताया गया है.
जितनी खूबसूरत उतनी ही खतरनाक, हिमालय से अचानक बिजली के फव्वारे क्यों छूटने लगे?
कहा जाता है बिजली गिरती है. क्योंकि ये आसमान से जमीन की तरफ आती है. लेकिन हाल ही में NASA ने एक अनोखी तस्वीर साझा की है. जो Himalayas में खींची गई है. ये तस्वीर है 'उल्टी बिजली' (Gigantic jets ) की, जो जमीन से आसमान की तरफ जाती है. भला ये क्या बला है? सब जानिए.
मामला है 18 जून 2024 का, जब अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इस बिजली की एक फोटो डाली. ये फोटो 'एस्ट्रोनॉमी पिक्चर ऑफ द डे' में साझा की गई थी. जिसमें NASA स्पेस की अनोखी तस्वीरें साझा करती है. तस्वीर में ऐसी कई खूबसूरत दामिनी थी. पर इनकी खूबसूरती पर न जाइए, ये बेहद खतरनाक भी हैं. पहले फोटो निहारिए फिर आगे बताते हैं.
दरअसल ये रंगीन बिजली कही जाती है ‘जाइगैंटिक जेट्स’. ये हाल ही में चीन और भूटान के हिमालयी इलाकों में देखी गई. तस्वीर में कई लंबी लहर सी देखी जा सकती हैं, जिनको जेट कहा जाता है. इन जेट को ली जुआनहा नाम के शख्स तस्वीर में कैद कर पाए.
इसी सदी में इनके बारे में पता लगा हैNASA के मुताबिक इस विशालकाय बिजली के बारे में इसी सदी में जानने को मिला है. ये बेहद शक्तिशाली होने के साथ-साथ ऊपर आसमान की तरफ कड़कती है. दरअसल आमतौर पर किसी बादल या तूफान से जमीन की तरफ बिजली गिरती है. लेकिन ये बिजली किसी तूफान से धरती के ऊपर आयनमंडल की तरफ जाती है.
देखने में भी पता चलता है, जहां आम बिजली जमीन की तरफ पहुंचकर, शाखाओं में बंटती है. वहीं ये आयनमंडल की तरफ. ये किसी तूफान में जहां से शुरू होती है, उस हिस्से को ‘ब्लू जेट’ कहा जाता है. वहीं ऊपर जहां ये शाखाओं में टूट जाती हैं, उसे ‘रेड स्प्राइट्स’ नाम दिया जाता है.
ये भी पढ़ें: House of The Dragon वाले ‘दैत्य’ सच में क्यों नहीं हो सकते?
काफी दूर तक जाती हैंवहीं weather.com के मुताबिक ये बहुत दुर्लभ भी है. जो बहुत ही कम देखी जाती है. वहीं जिस बिजली के कड़कने को सुनकर लोग सहम जाते हैं. उस रेगुलर बिजली से ये करीब 50 गुना ज्यादा पावर रखती है. और तो और ये 80 किलोमीटर से ज्यादा लंबी हो सकती है. माने दिल्ली से पानीपत तो पहुंच ही जाएं.
हालांकि ये बिजली कैसे शुरू होती है? इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है और रिसर्च जारी है. लेकिन देखा गया है कि ये वायुमंडल में चार्ज या आवेश को रिड्यूस करती है. यानी बिजली और वायुमंडल में चार्ज का कुछ लेन-देन सा होता है. बाकी अभी कोशिश जारी है कि इस खूबसूरत ऐरावती के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके.
वीडियो: ISRO ने NASA को टक्कर दिया, लॉन्च किया XPoSat सैटेलाइट