रावण राजा था लंका का. राम अयोध्या के शहजादे थे. सौतेली मां को खटके. राम को देस छोड़ना पड़ा. बीवी थीं सीता. उनको साथ लिया. और छोटे भाई लक्ष्मण भी साथ आ गए. जंगल में रहने लगे. एक दिन रावण उनकी पत्नी को उठाकर ले गया. जंग छिड़ी. जंग में रावण के बेटे मेघनाद ने राम पर अनोखा तीर छोड़ा. जैसे नागराज के हाथ से सांप निकलते थे. वैसे ही उस तीर से नाग निकले. नागों ने राम को बांध लिया. राम फंस गए. ऐसे में उनकी मदद की गरुड़ ने. गरुड़ आए और नागों को खा लिया. थैंक यू हो गरुड़ का कि उन्होंने राम को बचा लिया.
ये रामचरितमानस की कहानी है. राम के टाइम में गरुड़ हुआ करते थे. ऐसा कहते हैं. बाद में वो खत्म हो गए. मतलब विलुप्त हो गए. ऐसा भी कहते हैं. हमको नहीं पता कि गरुड़ होते थे कि नहीं होते थे. लेकिन अब गरुड़ों के होने का सबूत मिल गया है. वो फिर से पैदा हो रहे हैं. कहां? यहीं. हमारे भारत में. जय हो. जय हो.
क्या लिखा है वायरल पोस्ट में? फेसबुक पर लोग कुछ वीडियोज शेयर कर रहे हैं. इसमें एक अजीब सा दिखने वाला प्राणी है. प्राणी को बहुवचन में पढ़िएगा. देखने से लगता है कि छोटे हैं. बच्चे. वायरल पोस्ट के मुताबिक, ये गरुड़ के बच्चे मध्य प्रदेश में पैदा हुए हैं. यहां बैतूल जिला है. उसमें आठनेर नाम की एक तहसील है. इस तहसील में एक गांव है- धमोरी. सोशल मीडिया के मुताबिक, यहीं धमोरी गांव में एक नीम का पेड़ है. इस पेड़ में एक खोल है. खोल माने कोटर. इसी के अंदर एक गरुड़ ने नौ बच्चों को जन्म दिया है. इस वायरल पोस्ट में दो जगहों के वीडियो हैं. एक किसी कंस्ट्रक्शन साइट की है. और एक किसी कोटर की है.
बार्न आउल की खासियत है इसका दिल का आकार का चेहरा. ये संरक्षित प्रजाति का है.
एकदम झूठा है ये दावा गलत है. पूरा गलत. चाहे विशाखापत्तनम में एलियन पैदा होने वाले पोस्ट हों. या मध्य प्रदेश में गरुड़ पैदा होने का दावा. वीडियो में जो जीव आपको दिख रहे हैं, वो उल्लुओं की एक खास प्रजाति है. बार्न ऑउल. ये ही है इनका नाम. बड़ा मासूम सा दिखने वाला जीव होता है ये. दिल के आकार का चेहरा. नीचे की तरफ चोंच निकली होती है. नुकीली सी. गोल काली आंखें. आंखों के बीच से नीचे चोंच तक गई नाक. इतना प्यारा सा दिखता है ये बार्न उल्लू. बड़े जिज्ञासु से होते हैं. कुछ नजर आता है, तो दीदा फाड़कर देखते हैं. भारत के कई हिस्सों में उल्लू की ये प्रजाति पाई जाती है. हार्ट शेप, यानी दिल के आकार का इसका चेहरा इसकी खासियत है.
ये शायद किसी पेड़ में बना कोटर है. वहीं पर मादा बार्न उल्लू ने अंडे दिए होंगे. जिनसे ये बच्चे निकले. इनको लोग गरुड़ के बच्चे बोल रहे हैं.
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट, 1972 के तहत संरक्षित प्रजाति है ये चूंकि ये बच्चे हैं, तो इनके पंख ठीक से उगे नहीं अभी. बड़े होने पर पंख भी आ जाएंगे इनके. ये एक संरक्षित प्रजाति है. हो सकता है गरुड़ और एलियन वाली वायरल पोस्ट पर यकीन करने वाले लोगों ने बार्न आउल को पहले कभी नहीं देखा हो. तभी ये मान बैठे कि ये गरुड़ पक्षी है.
अगर आपको भी ऐसी कोई अफवाह फैलाने वाली वायरल पोस्ट या वीडियो दिखे, तो हमें lallantopmail@gmail.com पर बताइए. हम उसका पोस्टमॉर्टम करेंगे.
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