लगभग 40 साल पहले की बात है. एक युवक भूख से तड़पता हुआ सड़क किनारे पड़ा हुआ था. कम उम्र में अपने माता-पिता को खो चुका था और तब से दर बदर की ठोकरें खा रहा था. एक दिन एक सोशल वर्कर और स्थानीय कांग्रेस नेता के. वी. मुहम्मद की नजर उस पर पड़ी. खाना-पैसे देकर युवक को वापस घर लौटने को कहा. लेकिन उसके पास जाने की कोई जगह नहीं थी. मुहम्मद युवक को अपने घर लेकर लेकर गए और उस अनाथ हिंदू को अपने मुस्लिम परिवार का हिस्सा बना लिया.
धर्म को किनारे रखकर मुस्लिम परिवार ने किया दाह संस्कार, 39 साल पहले मिला था अनाथ युवक
मुहम्मद की छह बेटियों और एक बेटे अलीमोन को नया भाई मिल गया था. कुछ समय बाद मुहम्मद की मौत हो गई. अलीमोन और राजन का रिश्ता और मजबूत हो गया.

युवक का नाम विथानस्सेरी राजन था. केरल के पलक्कड़ का रहने वाला. मुहम्मद की छह बेटियों और एक बेटे अलीमोन को नया भाई मिल गया था. कुछ समय बाद मुहम्मद की मौत हो गई. अलीमोन और राजन का रिश्ता और मजबूत हो गया.
हाल ही में 62 साल के राजन की मौत हो गई. तब अलीमोन के परिवार ने अपना धर्म किनारे रखकर हिंदू रिति रिवाज के मुताबिक, राजन का दाह संस्कार किया. 46 साल के अलीमोन अब पेरुंबदाप्पु ब्लॉक पंचायत के पूर्व सदस्य हैं. वो पुराने दिन याद करते हुए बताते हैं,
जब मेरे पिता की मौत हुई तो लोगों ने मुझसे राजन को किसी अनाथ आश्रम में सौंपने के लिए कहा. लेकिन मैं उसे छोड़ने को तैयार नहीं था. उस व्यक्ति की देखभाल करने में पुण्य है, जिसे मेरे पिता घर लाए थे.
श्मशान घाट में अलीमोन और उनके भतीजे मोहम्मद रिशान ने चिता को मुखाग्नि दी. उन्होंने कहा,
राजन एक हिंदू के तौर पर हमारे बीच एक ही छत के नीचे रहते थे. जब हम मस्जिद गए, तो उन्होंने स्थानीय मंदिर में प्रार्थना की. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए हिंदू परंपरा के मुताबिक सभी अनुष्ठान करेंगे.
ये भी पढ़ें- नूह में हुई हिंसा के बाद राम मूर्ति और जुबैर की इस दोस्ती की लोग मिसाल क्यों दे रहे?
राजन चार दशक तक मुस्लिम घर में पले-बढ़े. घर के काम और खेती के काम में परिवार की मदद करते थे. जब उनका स्वास्थ्य बिगड़ा तो स्थानीय लोगों ने परिवार को फिर से उन्हें राहत घर या आश्रय में छोड़ने की सलाह दी, लेकिन परिवार ने इन सब पर ध्यान नहीं दिया.
वीडियो: अनाथ आदिवासी भाइयों से मिले पीएम, रैली में किया जिक्र, इन भाइयों की कहानी दिल छू लेगी!