उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरगनर से एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में एक महिला टीचर अपनी क्लास के एक छात्र को दूसरे बच्चों से थप्पड़ लगवा रही है. सिर्फ इसलिए क्योंकि वो मुस्लिम समुदाय से आता है. मामला जिले के नेहा पब्लिक स्कूल का है. लड़के से इतनी गलती हुई थी, कि वो होमवर्क करके नहीं लाया था. लेकिन आरोपी टीचर तृप्ता त्यागी ने उसे उसके समुदाय की वजह से सजा देने का फैसला कर लिया. उसके साथ हुए दुर्व्यवहार का वीडियो सामने आने के बाद छात्र के परिजनों ने फैसला लिया है कि अब वो इस स्कूल में नहीं पढ़ेगा. पीड़ित के पिता ने कहा है कि उन्होंने मैडम से समझौता कर लिया है.
मुस्लिम छात्र को क्लास से लगवाए थप्पड़, पीड़ित परिवार का टीचर से समझौता, तो क्या बात खत्म हो गई?
मुजफ्फरनगर की इस घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया है.
मामला मुजफ्फरगनर के थाना मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर का है. मैडम का नाम तृप्ता त्यागी है. अपने घर से ही स्कूल चलाती हैं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी टीचर विक्लांग हैं. 25 अगस्त दोपहर लगभग 3 बजे उनकी करतूत वीडियो की शक्ल में सोशल मीडिया पर वायरल हुई. मीडिया में खबर बनते ही मामला तूल पकड़ने लगा.
वीडियो में टीचर पीड़ित छात्र को क्लास के दूसरे बच्चों से थप्पड़ लगवा रही हैं. मैडम जी के कहने पर पहले एक छोटा बच्चा आता है और पीड़ित छात्र को एक थप्पड़ मारता है. वो अपने सहपाठी को जोर से थप्पड़ नहीं मारता तो टीचर छात्रों को डपट देती हैं कि वो ठीक से मार नहीं रहे हैं. फिर दो और बच्चे आते हैं. इस बार पीड़ित को जोर का थप्पड़ पड़ता है. चेहरे से ज्यादा दिल-दिमाग पर लगी ये चोट बच्चा बर्दाश्त नहीं कर पाया और रोने लगा. इस दौरान मैडम जी कह रही हैं,
‘मैंने तो डिक्लेयर कर दिया, जितने भी मुस्लिम बच्चे हैं, इनको मारते चले जाओ...’ (इसके बाद की आवाज़ साफ़ नहीं है.)’
द लल्लनटॉप के पास इसी घटना का एक और वीडियो है. इसमें पीड़ित बच्चा खड़ा रो रहा है. बच्चे पहली वीडियो की तरह ही आ रहे हैं, और उसे थप्पड़ या पीठ पर मार रहे हैं. महिला टीचर कह रही हैं,
पिता क्या बोले?'मुंह पर ना मारो, मुंह लाल हो रहा है, कमर पर मारो.'
आजतक से जुड़े संदीप सैनी की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित के पिता इरशाद का कहना है कि वो आगे कोई कार्रवाई नहीं चाहते. इरशाद ने कहा,
'मैडम ने बच्चों का आपस में विवाद करवाया. अब हमने इसमें समझौता कर लिया. हम इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते.'
इरशाद ने आगे बताया समझौते का मतलब. स्कूल ने उन्हें फीस वापस कर दी, और उनका बेटा, जो UKG का स्टूडेंट है, वो अब वहां नहीं पढ़ेगा.
शिक्षा अधिकारी का बयानइलाके के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि वीडियो में दो टीचर्स हैं. उन्होंने कहा,
‘उसमें एक महिला भड़का रही है और बच्चे एक दूसरे बच्चे को थप्पड़ मारे जा रहे हैं… दोनों टीचर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. साथ ही स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.’
वहीं पिटने और पीटने वाले बच्चों के धर्म को लेकर सवाल किए जाने पर शुभम ने कहा,
वकील ने क्या कहा?'नहीं, ऐसा अभी नहीं कह सकते हैं (कि पीटने वाले हिंदू और पिटने वाला मुस्लिम). ये जांच का विषय है. कल हमारी टीम इसमें जांच भी करेगी. ये मामला पुलिस के संज्ञान में भी है. फिलहाल ये स्कूल मान्यता प्राप्त है, इसके मानक चेक कराए जाएंगे. क्योंकि 2019 की मान्यता है. देखते हैं कि इसका रिन्यूअल हुआ है या नहीं. मैनेजमेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. जो दो टीचर्स इंवॉल्व हैं, जो बच्चों को बता रहे हैं (कि क्या करना है), उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.'
स्कूल और पीड़ित बच्चे के परिवार के बीच समझौता होने से इस घटना से पैदा हुए सवाल खत्म नहीं होते. उसके साथ जो हुआ, वो बाल शिक्षा से जुड़े नियम-कानूनों से लेकर संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों का उल्लंघन है.
इस कृत्य के चलते आरोपी तृप्ता त्यागी पर आईपीसी की धारा 153A के तहत केस दर्ज किया जा सकता है. इस धारा के मुताबिक कोई व्यक्ति या समूह धर्म और जाति के आधार पर धार्मिक स्थानों पर आपसी तनाव बनाने की कोशिश करता है या समाज में अशांति फैलाने के लिए लोगों के बीच धर्म, जाति के नाम पर शत्रुता बढ़ाने का काम करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
खबरों के मुताबिक इस बीच खतौली थाने के सीओ रविशंकर मिश्रा ने कहा है कि वीडियो का संज्ञान लेते हुए सभी संबंधित लोगों से बात की जा रही है. इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.
मामले को कानूनी तरीके से समझने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश मलहोत्रा से बात की. उन्होंने बताया,
'जब बच्चा स्कूल या हॉस्पिटल या किसी रिलेटिव के केयर में होता है, तब उसका गार्जियन टीचर, डॉक्टर-नर्स या रिलेटिव्स होते हैं. ऐसे में बच्चे पर कोई भी शारीरिक या मानसिक समस्या आती है, तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 लगती है. इस धारा के तहत लगाए गए चार्जेस काफी गंभीर माने जाते हैं.'
एडवोकेट राकेश ने हमें ये भी बताया कि इस केस में स्कूल प्रबंधक पर राइट टू एजुकेशन एक्ट की धारा 17 भी लग सकती है.
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