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शो से ठीक पहले फैन्स के सामने मारा गया एक पंजाबी सुपरस्टार, मौत की गुत्थी 35 सालों से नहीं सुलझी

इम्तियाज़ की नई फिल्म इसी कहानी के इर्द-गिर्द बुनी गई है.

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अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की 1988 में हत्या हुई थी. (फाइल फोटो: आजतक)

आज से 35 साल पहले पंजाबी म्यूज़िक सुपरस्टार अमर सिंह ‘चमकीला’ की हत्या हुई थी. सरेआम, फैन्स के सामने, उनकी परफॉर्मेंस से ठीक पहले. हमले में स्टेज पार्टनर और पत्नी की जान भी चली गई. चमकीला 80 के दशक में पंजाबी युवाओं के दिल पर राज करते थे. ऐसे में ये बहुत बड़ा कांड था. लेकिन ये सच कभी बाहर नहीं आया, कि चमकीला को महज़ 27 बरस की उम्र में क्यों मार दिया गया. क्या ये खालिस्तानियों का काम था, जिन्हें उनके गाने ‘गंदे’ लगते थे? या फिर कथित ऊंची जाति की लड़की से शादी करने की सज़ा? या चमकीला पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री में प्रतिद्वंद्विता की भेंट चढ़ गए थे? 

साढ़े तीन दशक बाद ये सवाल फिर गूंज रहे हैं, क्योंकि इम्तियाज़ अली चमकीला की ज़िंदगी पर एक फिल्म बना रहे हैं - ‘अमर सिंह चमकीला.’ नेटफ्लिक्स ने हाल ही में उस फिल्म का टीजर (Amar Singh Chamkila Teaser) जारी किया है. चमकीला का किरदार निभा रहे हैं दिलजीत दोसांझ और साथ में हैं परिणीति चोपड़ा.

फिल्म तो जब आएगी, तब आप देखिएगा. अभी हम आपका चमकीला से फौरी परिचय करवा दे रहे हैं. और उन सवालों को भी टटोलेंगे, जो उनकी हत्या ने खड़े किए.

गाना लिखा करते थे, फिर खुद गाना शुरू किया

चमकीला. मतलब जो चमकता हो. अमर सिंह को इसी नाम से जाना जाता है. 21 जुलाई, 1960 को उनका जन्म हुआ. बचपन लुधियाना के पिंड डुगरी में बीता और जवानी पूरे पंजाब में. अमर सिंह इलेक्ट्रिशियन बनना चाहते थे, लेकिन पैसों की तंगी के चलते कपड़े की मिल में काम करना पड़ा. उन्हें बचपन से म्यूज़िक का शौक था. शौक के चलते हारमोनियम और ढोलकी भी सीख ली. कपड़े की मिल में काम करते-करते अमर सिंह गाने भी लिखने लगे. 18 बरस की उम्र में अमर सिंह ने सिंगर सुरिंदर शिंदा के लिए गाने लिखना शुरू किया था. लेकिन घर का खर्च निकालने के लिए कुछ वक्त के बाद उन्होंने गाना भी शुरू कर दिया. धीरे-धीरे चमकीला ने पंजाबी गायकी में सभी को पीछे छोड़ दिया.

कहा जाता है कि लोगों को चमकीला के गानों की लत सी लग गई थी. वो अपने गानों में रोजमर्रा की जिंदगी के संवाद ले आते और लोग दीवाने हो जाते. सामाजिक समस्याओं को अपने गीतों के बोल में टारगेट करते. चमकीला ने स्टूडियो में खूब रिकॉर्डिंग की, लेकिन उनका (और उनके फैन्स का भी) दिल लाइव स्टेज परफॉर्मेंस में लगता. 5-6 फुट का स्टेज सजता. चमकीला गाते और सामने बैठे लोग कभी हंसते, कभी नाचते, कभी हो-हल्ला मचाते और कोई टाइट (शराबी) होता, सो वहीं उनसे लड़ भी पड़ता. चमकीला ने अपने ज़्यादातर मशहूर गाने ऐसी ही महफिलों में गाए, जिन्हें कहा जाता था अखाड़ा. 

इन्हीं अखाड़ों के चलते चमकीला 4-5 साल में ही हर पंजाबी के मुंह पर चढ़ गए. कहा जाता है कि अमर सिंह चमकीला को लोग इतना चाहने लगे थे कि पंजाब में बाकी सिंगर्स को काम मिलना बंद हो गया था. 

और फिर अचानक चमकीला को गोली मार दी गई

8 मार्च, 1988 की तारीख थी. जलंधर से करीब 40 किमी दूर महसामपुर में अमर सिंह चमकीला का एक स्टेज शो था. उस दिन दोपहर करीब 2 बजे चमकीला अपनी टीम के साथ गाड़ी से शो वाली जगह पहुंचे थे. साथ में उनकी पत्नी और सिंगिंग पार्टनर अमरजोत भी थीं. 

लोगों की भीड़ जमा थी. अमर सिंह चमकीला, अमरजोत और तीन दूसरे म्यूजिशियन गाड़ी से उतरे. वो स्टेज की तरफ जा रहे थे कि तभी उस भीड़ में तेज रफ्तार मोटरसाइकिल से तीन लोग आए. तीनों के हाथ में हथियार थे. वो लोग चमकीला और उनकी टीम की तरफ निशाना साध कर अंधाधुंध गोलियां दागने लगे. के मुताबिक इस गोलीबारी में अमर सिंह चमकीला, उनकी पत्नी अमरजोत और दो अन्य म्यूजिशियन की मौत हो गई.

लोग देखते रह गए और हमलावर गोलियां दागकर, जिस मोटरसाइकिल से आए थे, उसी से फरार हो गए. अगले दिन ये खबर पंजाब में फैली. उस वक्त पंजाब में आतंकवाद अपने पीक पर था. खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों का विद्रोह जोरों पर था. कानून-व्यवस्था की हालत खराब थी. हर रोज़ एनकाउंटर और खून-खराबा चल रहा था.

हालात ये थे कि जिसका गाना पूरे पंजाब में सुपरहिट था. उसकी दिन दहाड़े हत्या हो गई, लेकिन किसी ने थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई. अमर सिंह चमकीला के घरवालों को जानकारी मिली, लेकिन पुलिस के पास नहीं गए. महसामपुर में जहां चमकीला का कत्ल किया गया, वहां भी किसी ने कोई रिपोर्ट नहीं लिखवाई. पुलिस भी खुद तफ्तीश के लिए आगे नहीं आई. रिपोर्ट के मुताबिक बाद में किसी तरह से पुलिस में कुछ शिकायत हुई और जांच शुरू हुई.

अमर सिंह चमकीला को क्यों मारा गया?

अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की हत्या को लेकर पुलिस की जांच जरूर शुरू हुई, लेकिन न कातिल का पता चला और न ही हत्या की वजह साफ हुई. बस, कई तरह की बातें सुनी-सुनाई गईं.

1. क्या चमकीला और उनकी पत्नी की हत्या ऑनर किलिंग थी?

अमरजोत, अमर सिंह चमकीला की दूसरी पत्नी थीं. दोनों की जान-पहचान गाने से ही हुई थी. अमरजोत चमकीला के टक्कर की ही सिंगर थीं. इसलिए इन दोनों की जोड़ी सुपरहिट हुई. पंजाब ही नहीं, विदेशों में भी इस जोड़ी के गानों को खूब पसंद किया जाने लगे था. चमकीला और अमरजोत की हत्या के मामले में कहा जाता है कि ये ऑनर किलिंग का मामला था. दरअसल, अमर सिंह चमकीला दलित थे और उनकी पत्नी अमरजोत जट सिख थीं. कहने वाले हत्या के पीछे अमरजोत के परिवार और गांव का हाथ होने का आरोप लगाते हैं. हालांकि, इस तरह की बात पुलिस की जांच में सामने नहीं आई थी.

2. चमकीला की मौत के पीछे उग्रवादियों का हाथ था?

ऐसा बताया जाता है कि अमर सिंह चमकीला के कई गानों पर खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों ने नाराज़गी जताई थी. माना जाता है कि खालिस्तानी उग्रवादियों के मुताबिक जिस तरह चमकीला अपने गानों में शादी के बाद के संबंध, ड्रग्स की लत और खुलेआम डबल मीनिंग बातें करते, उससे पंजाब की बदनामी होती है. चमकीला को धमकी मिलने की बात अक्सर कही जाती थी. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी.

3. पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में चमकीला के एकछत्र राज के कारण गई जान?

अमर सिंह चमकीला ने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना काम 1979 से शुरू किया और मरते दम तक एकछत्र राज किया. लोग उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुनना चाहते थे. उनके गाने इतने फेमस हो चुके थे कि लोग दूसरे पंजाबी गाने न के बराबर सुनते थे. इसलिए चमकीला के चाहने वालों का ये भी मानना रहा कि किसी ने सुपारी देकर उनका कत्ल कराया. इस दावे का भी कोई सबूत नहीं मिला.

4. क्या शो से जुड़े किसी विवाद के कारण गई चमकीला की जान?

एक मत ये भी है कि कभी चमकीला को एक शख्स ने अपने यहां स्टेज शो के लिए बुलाया था, लेकिन चमकीला पहुंच नहीं पाए थे. इस बात से नाराज़ उस शख्स ने उन्हें गोली मार दी. हालांकि, इस एंगल से भी चमकीला की मौत की गुत्थी नहीं सुलझी. 

चमकीला को किसने मारा और क्यों मारा? आज भी इसका पता नहीं चला है. रह गई हैं, अलग-अलग थ्योरीज, जिनकी पुलिस की जांच में पुष्टि नहीं हुई. ज़ाहिर है, चमकीला की बात पॉपुलर कल्चर करता रहता है. 2018 में एक फिल्म आई थी मेहसामपुर. फीचर या डॉक्यूमेंट्री के खांचे में फिट होने से इनकार करती इस फिल्म में भी चमकीला और अमरजोत की हत्या से जुड़े प्रश्नों को टटोला गया था. इस फिल्म की बड़ी तारीफ हुई थी. हमारे साथी रजत ने तब मेहसामपुर बनाने वाले कबीर सिंह चौधरी का एक लंबा इंटरव्यू किया था. आप चाहें, तो उसे यहां पढ़ सकते हैं. 

अब, इम्तियाज़ भी अपने तरह से चमकीला की ज़िंदगी को एक्सप्लोर कर रहे हैं. ये एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है. इम्तियाज़ खरे उतरे या नहीं, मालूम चलेगा 2024 में, जब फिल्म रिलीज होगी. 

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