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ट्यूशन टीचर के थप्पड़ से कान की बाली अंदर धंसी, 9 साल की बच्ची ICU में भर्ती

परिवार का आरोप है कि 3 दिन पहले उन्होंने टीचर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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आरोप है कि ट्यूशन टीचर ने बच्ची को कान के पास दो तेज़ थप्पड़ मारे थे. (फ़ोटो/आजतक)

महाराष्ट्र के पालघर में एक 9 साल की बच्ची ICU में भर्ती है. आरोप है कि उसे यहां पहुंचाने वाला उसका ट्यूशन टीचर है. आरोप है कि उसने बच्ची को कान के पास दो तेज़ थप्पड़ मारे थे. जिससे उसकी कान की बाली उसकी कान में धंस गई. इससे बच्ची के शरीर में टेटनस इंफेक्शन फैल गया. अब बच्ची अस्पताल में जिंदगी के लिए मौत से लड़ रही है. उसकी हालत गंभीर है. परिवार का आरोप है कि 3 दिन पहले उन्होंने टीचर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

आजतक से जुड़े जाकिर मिस्त्री की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला 5 अक्टूबर का है. मुंबई के उपनगर नाला सोपारा में दीपिका नाम की बच्ची अरीना क्लासेस में ट्यूशन पढ़ने जाती थी. बताया गया कि 5 अक्टूबर को दीपिका ट्यूशन क्लास में मस्ती कर रही थी. इस बात से नाराज होकर उसकी शिक्षिका रत्ना सिंह ने उसके कान के पास ज़ोर से थप्पड़ मारे. थप्पड़ इतने ज्यादा प्रेशर से मारा गया कि दीपिका के कान की बाली उसके अंदर घुस गई.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित बच्ची को देर से इलाज मिला. इसकी वजह से उसके शरीर में टेटनस का इंफेक्शन फैल गया. इंफेक्शन के कारण पहले उसके कान में सूजन आने लगी. और फिर उसके जबड़े में तेज जकड़न हो गई. आरोप ये भी है कि उसे कई दिनों तक अस्पतालों में कोई बैड नहीं मिला, बाद में बच्ची को मुंबई के केजे सोमैया अस्पताल में भर्ती कराया गया. बच्ची पिछले 10 दिनों से वेंटिलेटर पर है.

दीपिका के परिवार का कहना है कि उन्होंने पुलिस स्टेशन में टीचर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने टीचर को पूछताछ के लिए एक नोटिस भेजा है. उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दीपिका के पिता अंबाराम ने आजतक से कहा,

"मेरी बेटी का ICU में इलाज चल रहा है. वह वेंटिलेटर पर है. रोजाना इलाज का खर्च 25,000 रुपये है. हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए हम सामाजिक संस्थाओं से मदद मांग रहे हैं. मेरी बेटी को पीटने वाली शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए."

बच्ची के मुंह से खून निकलता था

दीपिका की मां ममता पटेल ने बताया,

"किसी भी अस्पताल ने हमारी बच्ची को एडमिट नहीं किया. उसका मुंह जकड़ने की वजह से उसने पहले ही खाना-पीना बंद कर दिया था. अगर वह कुछ भी बोलती थी, तो उसकी जीभ कटने लगती थी. खून निकलने लगता था. वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. हम यही चाहते हैं कि हमारी बच्ची ठीक हो जाए और टीचर को सजा दी जाए."

इस बीच, इस मामले में तुलिंज पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा है कि रत्ना सिंह के खिलाफ धारा 125(अ)(ब) और बाल न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसने शिक्षिका को नोटिस भेजा है. आगे की जांच जारी है.

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