"जब मैंने कंपनी की वेबसाइट की जांच की, तो मुझे पता चला कि यह कंपनी धातुओं की ढलाई के काम से संबंधित है और बॉडी बैग से संबंधित इसकी कोई विशेषज्ञता नहीं है. उन्हें इतना बड़ा कॉन्ट्रैक्ट कैसे मिल सकता है? हालांकि अब यह टेंडर रद्द कर दिया गया है, तो सभी को पता होना चाहिए कि ये बॉडी बैग 600 रुपये से 1200 रुपये में आसानी से उपलब्ध हैं. बीएमसी इन्हें 6,719 रुपए की लागत से खरीद रही थी. ये बेहद घिनौना और अस्वीकार्य है."बीएमसी ने अपने बचाव में इन बैग की उच्च क्वालिटी का हवाला दिया है. कहा कि बाकी कंपनियों के बैग लीक टेस्ट में फेल हो गए थे. अब 6719 रुपए प्रति बैग इतनी कम कीमत भी नहीं है कि क्वालिटी की बात कर आरोपों को सिरे से नकारा जा सके. राज्य सरकार को मामले में जांच का आदेश देना ही पड़ा. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा-
"कुछ एक्टिविस्ट 300 रुपये मूल्य की बात कर रहे हैं, जो कि संभव नहीं है. लेकिन यदि कीमतें सामान्य से अधिक हैं, तो हम जांच करेंगे और कार्रवाई की जाएगी."BMC की दाढ़ी में तिनका? जैसे ही स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का आदेश दिया, बीएमसी ने टेंडर रद्द कर दिया. बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने 'इंडिया टुडे' से कहा-
"पहले इस कंपनी को ठेका दिया गया था, क्योंकि टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली अन्य कंपनियों के प्रोडक्ट लीक टेस्ट में फेल हो गए थे. हमने दिल्ली और जयपुर में भी पूछताछ की, जहां इसी गुणवत्ता के बैग 2500 से 3000 के बीच बहुत कम कीमत पर खरीदे गए. इसलिए हमने टेंडर रद्द करके दोबारा टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है."बीएमसी के टेंडर रद्द करने को अंजलि की जीत के रूप में देखा जा रहा है. इस पर उन्होंने कहा-
"यहां तक कि अमेरिका में भी ऐसे बॉडी बैग 51 डॉलर के मूल्य पर उपलब्ध हैं, जो कि करीब 3900 रुपये होते हैं. हालांकि टेंडर रद्द कर दिया गया है, लेकिन इस टेंडर में जो पैसा खर्च किया, उसे वापस वसूलना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए."आपको बता दें कि भारत में महाराष्ट्र राज्य में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले हैं. वहां इस महामारी की वजह से 3590 लोगों की मौत हो चुकी हैं.
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