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मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, जानिए क्या है केस

26 साल पुराने मामले में सजा हुई है.

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मुख्तार अंसारी. (आजतक)

मुख्तार अंसारी को यूपी की अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. गैंगस्टर एक्ट से जुड़े इस मामले में मुख्तार को 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. इसी केस में मुख्तार के साथी भीम सिंह को भी अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है.

ये मामला 26 साल पुराना है. 1996 में मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 5 मामले चल रहे थे. दो वाराणसी, दो गाजीपुर और एक मामला चंदौली में दर्ज हुआ था. इन मामलों में- वाराणसी में दर्ज कृष्णानंद राय हत्याकांड और राजेंद्र सिंह हत्याकांड, गाजीपुर में वशिष्ठ तिवारी हत्याकांड और पुलिसकर्मियों पर हमला और चंदौली में कॉन्स्टेबल रघुवंश सिंह हत्याकांड शामिल हैं.

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इससे पहले सितंबर में मुख्तार अंसारी को 7 साल की सजा सुनाई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने जेलर को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुख्तार को दोषी करार दिया था. 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. केस के मुताबिक जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी.

इसके अलावा माफिया मुख्तार के खिलाफ कुल 59 मामले दर्ज हैं. इनमें से 20 मामले ऐसे हैं जो कोर्ट में विचाराधीन हैं. मुख्तार को आज हुई सजा के बाद पूर्व बीजेपी सांसद कृष्णानंद राय के भतीजे आनंद राय ने कहा कि 

मुख्तार अंसारी समाज के लिए कैंसर हैं. मुख्तार अंसारी के अन्य मामलों में उसे और भी कठोर सजा होनी चाहिए.

मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि 25 नवंबर 2005 को मुख्तार के लोगों ने कृष्णानंद राय पर गोलियां कर उनकी हत्या कर दी थी. इस वारदात में 7 लोगों हत्या हुई थी.

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