जेल में बंद माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Death) की बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई. बांदा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. गाजीपुर में मुख्तार के घर के बाहर लोगों की भीड़ बढ़ रही है. बांदा, गाजीपुर, समेत कई जिलों में सुरक्षा बढ़ाई गई है.
मुख्तार अंसारी की मौत, दिल का दौरा पड़ा था
बांदा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बांदा मेडिकल कॉलेज ने मुख्तार अंसारी के निधन के बाद मेडिकल बुलेटिन जारी किया. इसके मुताबिक, आज शाम साढे़ आठ बजे मुख्तार अंसारी को बेहोशी की हालत में जेल कर्मियों ने रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया. उल्टी की शिकायत की गई थी. अस्पताल में 9 डॉक्टरों की टीम ने तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई. लेकिन पूरी कोशिशों के बावजूद दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
मुख्तार अंसारी को यूपी के गैंगस्टर की सूची में रखा गया था. अंसारी के निधन के बाद बांदा की सीमाओं में चेकिंग शुरू हो गई है. मऊ में भी एसपी सहित भारी पुलिस बल फ्लैग मार्च कर रही है. झांसी में भी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार का परिवार रात ढाई बजे अस्पताल पहुंचेगा. परिवार के सामने ही वीडियोग्राफी करा के मुख्तार का पोस्टमॉर्टम होगा. उसके बाद ही शव को गाजीपुर लाया जाएगा. बताया जा रहा है कि शव को लाने का एक रूट प्लान तैयार हो गया है. काफिले में 26 गाड़ियां रहेंगी.
इससे पहले 26 मार्च को भी तबीयत बिगड़ने के बाद मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुनील कौशल ने बताया था कि उन्हें पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या थी.
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मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया. अफजाल ने कहा था,
“मुख्तार ने मुझे बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है, जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.”
यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे. मऊ से पांच बार विधायक रहे अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में थे. साल 2022 में उन्हें पहली बार दो मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA अदालत ने उन्हें एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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