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MP: कांग्रेस का आरोप- पोस्टल बैलेट खोले गए, कमलनाथ ने वीडियो दिखाया, फिर अधिकारी क्या बोले?

MP Vidhansabha Elections में काउंटिंग से पहले ही बैलेट पेपर खोले जाने का कथित वीडियो वायरल है. निर्वाचन अधिकारी ने बयान देकर मामला साफ किया है.

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस के आरोपों पर निर्वाचन अधिकारी ने दी सफाई (तस्वीर:सोशल मीडिया)

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब बैलेट पेपर की गिनती को लेकर बवाल मचा है. राज्य के बालाघाट जिले के पोस्टल बैलेट को मतगणना से पहले खोले जाने का दावा किया गया है. कांग्रेस ने निर्वाचन अधिकारी पर हेराफेरी के आरोप लगाए हैं. वहीं, इस मामले में बालाघाट के कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी गिरिश चंद्र मिश्र ने स्थिति स्पष्ट की है. बालाघाट के स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में पहले कनफ्यूजन बना हुआ था, जो अब दूर हो गया है.  

स्ट्रॉंग रूम का वीडियो वायरल

एमपी कांग्रेस ने स्ट्रांग रूम का एक वीडियो शेयर किया है. ट्वीट के कैप्शन में लिखा है, 

निर्वाचन को कलंकित करते बालाघाट कलेक्टर. मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा ने आज 27 नवंबर को ही स्ट्रांग रूम खुलवाकर बिना अभ्यर्थियों को सूचना दिए डाक मतपत्रों की पेटियां खोल दी हैं. अंतिम सांसें गिनती शिवराज सरकार और सरकार की अंधभक्ति में लीन कलेक्टर लोकतंत्र के लिये बड़ा ख़तरा हैं. कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता सतर्क और चौकन्ना रहे. बीजेपी की करारी हार से बौखलाई चोरी की ये सरकार और कुछ सरकारी दलाल वोट चुराने की फ़िराक़ मे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एमपी कांग्रेस के ट्वीट को शेयर करके हुए दोषियों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. 

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी राजीव सिंह समेत कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर पोस्टल वोट में गड़बड़ी से संबंधित एक शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस की मांग है कि इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी गिरीश मिश्रा और इसमें शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाए.

जिस अधिकारी पर लगे आरोप, उसने क्या कहा?

कांग्रेस ने बालाघाट कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी गिरिश मिश्रा पर पोस्टल बैलेट की हेराफेरी का आरोप लगाया है. हालांकि, गिरिश मिश्रा ने कहा कि पोस्टल बैलेट के मतों की गिनती नहीं की गई है. उन्होंने कहा,


“संबंधित डाकमत पत्र के वायरल वीडियो के संबंध में स्थिति स्पष्ट करना चाहूंगा. बालाघाट पोस्टल बैलेट का स्ट्रांगरूम कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों को फोन पर सूचना देने के बाद 1 बजकर 29 मिनट पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा खोला गया था. आज स्ट्रांगरूम खोलने का मकसद पोस्टल बैलेट की शॉर्टिंग करना था. इस दौरान किसी प्रकार की पोस्टल बैलेट की गिनती नहीं की गई है. पोस्टल बैलेट से संबंधित सारी जानकारी पंचनामे में बनाकर के सभी पार्टियों को शेयर की गई है. इस पूरी कार्यवाही (यानी स्ट्रांग रूम खोलने से लेकर स्ट्रांग रूम के सील होने तक) के दौरान कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि मौजूद थे.”

बालाघाट कांग्रेस के नेता का कनफ्यूजन हो गया दूर

एक तरफ प्रदेश कांग्रेस और उनके नेता ट्वीट करके निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं. वहीं, बालाघाट के स्थानीय कांग्रेस नेता शफखत ख़ान ने कहा कि ये सारी बातें कनफ्यूजन के कारण सामने आई थीं. लेकिन कलेक्टर और एसडीएम से बात करने के बाद उनका कनफ्यूजन दूर हो गया है. उन्होंने कहा, 

हम जब निर्वाचन कार्यालय गए तो पोस्टल वोट के बंडल बनाए जा रहे थे. नियम यह है कि 50-50 के  बंडल बनाकर उसको विधानसभावार छाटा जाए जिसे बाद में दो तारीख़ को गिना जाएगा. लेकिन यहां मौजूद मतदानकर्मी ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहे थे. इसको लेकर हमने कलेक्टर साहब और एसडीएम से बात की. इसके बाद हमारा कनफ्यूजन दूर हो गया.

बता दें, मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए हैं. इस दौरान राज्य की कुल 230 सीटों पर 76 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है. चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.

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