तमिलनाडु के कोयंबटूर में जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन से लापता 6 में से 5 लोगों का पता चला गया है. ये जानकारी मद्रास हाई कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से गुरुवार, 18 अप्रैल को दी गई है. हालांकि, अब तक गुमशुदा एक व्यक्ति की तलाश पूरी नहीं हो सकी है, जिसके लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक हाई कोर्ट को बताया गया कि ईशा योग सेंटर में सेवा देने वाले उस गुमशुदा शख्स के मामले की जांच जारी है.
ईशा फाउंडेशन से लापता हुए 6 लोगों में से 5 का पता चला, बचे 1 का क्या हुआ?
पिछली सुनवाई में मद्रास हाई कोर्ट को बताया गया था कि साल 2016 से ईशा फाउंडेशन से 6 लोग लापता हुए, अब कहा गया है कि 5 लोगों का पता चल गया है.
मामला तिरुनेलवेली जिले के रहने वाले तिरुमलाई की याचिका से जुड़ा है. तिरुमलाई ने मद्रास हाई कोर्ट को बताया था कि उनका भाई गणेशन ईशा योग सेंटर में सेवा का काम करता था. 2 मार्च, 2023 को जब उन्होंने योग सेंटर से संपर्क कर पूछा था कि उनका भाई आश्रम में है या नहीं, तो उन्हें बताया गया था कि गणेशन दो दिनों से योग सेंटर नहीं आया.
तिरुमलाई के मुताबिक योग सेंटर के प्रभारी दिनेश की शिकायत के आधार पर पुलिस थाने में केस दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद तिरुमलाई ने हाई कोर्ट का रुख किया. उन्होंने अपने भाई गणेशन को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण (habeas corpus) याचिका दायर की. बीती 21 मार्च को तिरुमलाई की याचिका पर सुनवाई हुई थी. तब तमिलनाडु पुलिस ने साल 2016 से ईशा फाउंडेशन से जुड़े 6 लोगों के लापता होने की बात कही थी.
18 अप्रैल को जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस सुंदर मोहन की बेंच के सामने एक बार फिर इस मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट को बताया गया कि 6 लापता लोगों में से 5 का पता लगा लिया गया है. कोर्ट को आगे बताया गया कि जिस व्यक्ति का पता लगाया जाना बाकी है, वो याचिकाकर्ता तिरुमलाई का भाई गणेशन है.
कोर्ट को बताया गया कि गणेशन की गुमशुदगी के मामले में पुलिस 36 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट से और वक्त मांगा गया है. कोर्ट ने इस अपील और याचिकाकर्ता के वकील की अनुपस्थिति के मद्देनजर मामले को 7 जून तक के लिए स्थगित कर दिया है.
वीडियो: 6 लोग गुमशुदा होने पर जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन पर पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया