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Nobel Prize 2024: इन दो वैज्ञानिकों को मेडिसिन का नोबेल, microRNA की खोज की थी

इस खोज ने जीन रेगुलेशन के लिए एक बिल्कुल नया आयाम उजागर किया है. microRNA जीवों के विकास और जीन के कारगर तरीके से काम करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं.

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एम्ब्रोस और रुवकुन ने रॉबर्ट होर्विट्ज़ की लैब में पोस्ट डॉक्टरल फेलो के रूप में काम किया था. (फोटो- X)

साल 2024 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जा रही है. फिज़ियोलॉजी (मेडिसिन) का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2024 in Physiology/Medicine) दो वैज्ञानिकों को दिया गया है. इन वैज्ञानिकों को microRNA की खोज के लिए ये सम्मान मिला है. जिस प्रयोग के लिए उन्हें नोबेल मिला है, उसके जरिए पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल जीन रेगुलेशन में microRNA की भूमिका का पता लगाया जा सकेगा.

इन वैज्ञानिकों के नाम हैं विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन. दोनों को संयुक्त रूप से 2024 के फिजियोलॉजी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल अकादमी ने 7 अक्टूबर, 2024 को इसकी घोषणा की. असेंबली ने प्रेस स्टेटमेंट जारी कर बताया,

“विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन इस बात में रुचि रखते थे कि विभिन्न प्रकार के सेल (कोशिकाएं) कैसे विकसित होते हैं. उन्होंने microRNA की खोज की, जो छोटे RNA मॉलिक्यूल्स का एक नया वर्ग है जो जीन रेगुलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.”

नोबेल असेंबली ने बताया कि एम्ब्रोस और रुवकुन की इस खोज ने जीन रेगुलेशन के एक नए सिद्धांत की खोज की है, जो मनुष्यों सहित बहुकोशिकीय जीवों (multicellular organisms) के लिए आवश्यक होता है. इस खोज के बाद ये पता चला है कि ह्यूमन जीनोम एक हज़ार से अधिक microRNA के लिए कोड करता है.

Illustration of the flow of genetic information from DNA to mRNA to proteins
ह्यूमन जीनोम एक हज़ार से अधिक microRNA के लिए कोड करता है.

कमेटी ने बताया कि उनकी खोज ने जीन रेगुलेशन के लिए एक बिल्कुल नया आयाम उजागर किया है. microRNA जीवों के विकास और जीन के कारगर तरीके से काम करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं.

नोबेल एकेडमी ने ये भी बताया कि किस प्रकार से एम्ब्रोस और रुवकुन ने रॉबर्ट होर्विट्ज़ की लैब में पोस्ट डॉक्टरल फेलो के रूप में काम किया था. रॉबर्ट को 2002 में सिडनी ब्रेनर और जॉन सुल्स्टन के साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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microRNA जीवों के विकास और उनके काम करने के तरीके के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं.

बता दें कि पिछले साल फिज़ियोलॉजी के लिए नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को दिया गया था. ये अवॉर्ड उनके “न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधन से संबंधित खोजों के लिए दिया गया था, जिससे COVID-19 के खिलाफ प्रभावी mRNA वैक्सीन का विकास संभव हुआ था.

 नोबेल पुरस्कारों की घोषणा फिज़ियोलॉजी या मेडिसिन वैज्ञानिकों के नामों से होती है. फिजिक्स के विजेताओं की घोषणा 8 अक्टूबर को की जाएगी. 9 अक्टूबर को केमेस्ट्री के विजेताओं की घोषणा की जाएगी. साहित्य, शांति और आर्थिक विज्ञान पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा क्रमशः 10 अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को होगी.

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