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ये टेस्ट आपको बता देंगे कि क्या आपको हार्ट अटैक आने वाला है?

अपने दिल का खयाल रखें.

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हॉस्पिटल में भर्ती हैं राजू श्रीवास्तव, दिल का दौरा पड़ा था (फाइल फोटो: आजतक)

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) 10 अगस्त को जिम में वर्कआउट करते वक्त गिर गए थे, उनके सीने में दर्द हुआ था. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, खबर आई कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. राजू श्रीवास्तव की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी दिल की समस्याएं नई नहीं हैं. ये हार्ट प्रॉब्लम्स उन लोगों में भी देखी जा रही हैं, जिन्हें आमतौर पर हेल्दी और फिट माना जाता है. ऐसे में वो कौन से मेडिकल टेस्ट हैं, जो हार्ट की बीमारी का पता लगाने में मददगार हो सकते हैं. ये जानने के लिए इंडिया टुडे की मिलन शर्मा ने डॉक्टरों से उन टेस्ट के बारे में जाना, जिनसे ये पता चलने में मदद मिल सकती है कि किसी का दिल कितना दुरुस्त है.

इकोकार्डियोग्राम

छोटे में ईको भी कहते हैं. इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) से डॉक्टरों को ये पता चलता है कि आपका दिल कैसे धड़क रहा है और आपके दिल से रक्त यानी खून कैसे मूव कर रहा है. इकोकार्डियोग्राम के जरिए दिल की मांसपेशियों और वाल्वों में किसी तरह की असामान्यताओं की पहचान करने में भी मदद मिल सकती है.

इकोकार्डियोग्राम हार्ट वाल्व के फंक्शन और दिल के पूरे कामकाज का आकलन करता है. इसके जरिए दिल से आने वाली असामान्य आवाज़, जिसे हार्ट मर्मर कहते हैं, उसके कारण का भी पता लगाया जाता है. 

ट्रांसएसोफेजियल इकोकार्डियोग्राफी

ट्रांसएसोफेजियल इकोकार्डियोग्राफी (Transesophageal echocardiography), या टीईई (TEE) में, इको ट्रांसड्यूसर जो टीईई के लिए ध्वनि तरंगें पैदा करता है, एक पतली ट्यूब से जुड़ा होता है. ये पतली ट्यूब आपके मुंह से, आपके गले के नीचे और आपकी खाने की नली में गुजरती है, जो दिल के ऊपरी चैम्बरों के बहुत करीब होती है.

इससे हार्ट वाल्व के फंक्शन की जांच  होती है और ये पता लगाया जाता है कि कहीं आपको हार्ट वाल्व से जुड़ी कोई बीमारी तो नहीं है.

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, या ईसीजी (ECG), दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापता है. इससे ये पता चलता है कि हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी नॉर्मल है, धीमी है, तेज है या अनियमित है. ईसीजी दिल की लय (हार्ट रिदम) में बदलाव की निगरानी करता है और यह निर्धारित करता है कि दिल का दौरा पड़ा है या नहीं. इससे हार्ट अटैक के डेवपमेंट के बारे में भी पता चल सकता है.

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो फ्रीक्वेंसी तरंगों का इस्तेमाल करके आपके शरीर के अंदर अंगों और संरचनाओं की तस्वीर बनाता है. इसका इस्तेमाल दिल और खून की नलियों की जांच करने के साथ-साथ मस्तिष्क के स्ट्रोक प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है.

एमआरआई स्कैन हार्ट के स्ट्रक्चर की जांच करता है और दिल की मांसपेशियों में स्कार टिश्यू की खोज करता है. यह हार्ट वाल्वों के फंक्शन की भी जांच करता है.

सीटी स्कैन

सीटी स्कैन (CT SCAN) एक एक्स-रे इमेजिंग तकनीक है, जो आपके दिल की क्रॉस-सेक्शनल इमेज बनाने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करती है. इसका इस्तेमाल दिल और खून की नलियों की जांच के लिए किया जा सकता है. इसका यूज यह जानने के लिए भी किया जाता है कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाएं स्ट्रोक से प्रभावित हुई हैं या नहीं.

कोरोनरी धमनियों में कोई रुकावट है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए भी सीटी स्कैन का इस्तेमाल किया जाता है.

बता दें कि ये सारे टेस्ट आपको ये भी बताते हैं कि आपका दिल किस हालत में है? कैसी स्थिति में है? और आपके दिल पर कितना ध्यान दिया जाना चाहिए?

आप अपने दिल का खयाल रखें, और किसी भी दिक्कत में खुद से निर्णय न लें, डॉक्टर से मिलें. डॉक्टर से बात करें.

वीडियो- सेहत: आपका रेस्टिंग हार्ट रेट यानी 1 मिनट में दिल कितनी बार धड़कना चाहिए?