मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिस कार में विस्फोटक मिला था, उसके मालिक का शव मिला है
शुरुआती पड़ताल में आत्महत्या की बात कही जा रही है.
मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक पदार्थ रखने के लिए जिस स्कॉर्पियो गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था, उसके मालिक मृत पाए गए हैं. नाम है मनसुख हिरेन. उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मौके पर पहुंची पुलिस ने शुरुआती पड़ताल के आधार पर कहा है कि मनसुख हिरेन ने एक नाले में कूदकर खुदकुशी कर ली. पुलिस को उनका शव मिल गया है. पूरा मामला क्या है? 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक गाड़ी खड़ी मिली थी. इस स्कॉर्पियो कार से जिलेटिन की 20 छड़ें मिली थीं. संदिग्ध गाड़ी को देख कर एंटीलिया (मुकेश अंबानी का घर) के सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया था, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. जांच में पुलिस को पता चला कि गाड़ी चोरी की थी. बताया गया था कि 17 फरवरी को एक शख्स की कार रास्ते में खराब हुई तो उसने उसे सड़क किनारे खड़ा कर दिया. 18 तारीख को जब वो कार लेने पहुंचा तो गाड़ी वहां से नदारद थी. इस शख्स ने पुलिस के पास जाकर मामले की शिकायत भी की थी. जांच में पुलिस को पता चला कि कार की नंबर प्लेट को बदला गया था. इस कार का नंबर मुकेश अंबानी के स्टाफ की गाड़ियों से मिलता जुलता था. पुलिस को गाड़ी के भीतर से कुछ और नंबर प्लेट भी मिलीं. ये सभी नंबर प्लेट्स भी अंबानी के स्टाफ की गाड़ियों के नंबरों से मिलती जुलती हैं. इससे पुलिस मान रही है कि विस्फोटक रखने वाले लंबे वक्त से अंबानी के स्टाफ और काफिले की रेकी कर रहे थे. इंडिया टुडे की एक ख़बर के मुताबिक मनसुख ने मुंबई पुलिस को बताया था कि उनकी गाड़ी करीब एक साल से इस्तेमाल में ही नहीं थी. जिस दिन गाड़ी चोरी हुई, उस दिन भी इसलिए गाड़ी निकाली थी क्योंकि वे इसे बेचना चाहते थे. रास्ते में गाड़ी ख़राब हो गई तो सड़क किनारे ही एक जगह पार्क कर दी थी. यहीं से गाड़ी चोरी हो गई. इधर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी विधानसभा में तमाम चौंकाने वाले दावे किए थे. उन्होंने कहा था कि अंबानी के घर के बाहर एक नहीं, दो गाड़ियां थीं. उन्होंने कहा था कि दोनों गाड़ियां ठाणे के रूट से आई थीं. फडणवीस ने कहा कि घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिस अधिकारी थे सचिन वाजे. उन्हें इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर भी नियुक्त किया गया. लेकिन तीन दिन पहले उन्हें हटा दिया गया. इस पर फडणवीस ने सवाल उठाया. फडणवीस ने ये भी दावा किया था कि मनसुख के नंबर से कुछ फोन कॉल्स किए गए थे. ये कॉल जिन नंबर पर किए गए, वो नंबर सचिन वाजे के नाम से रजिस्टर है.