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मणिपुर में 2 जवानों की हत्या के बाद बवाल, सड़क पर उतरीं महिलाओं ने क्या मांग कर दी?

Manipur में बढ़ रही हिंसा के विरोध में Imphal में इन महिलाओं ने हाथों में मशाल लेकर रैली निकाली. उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय के अंदर जाने का प्रयास किया.

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प्रदर्शन करती महिलाएं. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

मणिपुर (Manipur) के मोरेह (Moreh) इलाके में हुई गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मियों की मौत के बाद राजधानी इंफाल (Imphal) में तनाव का माहौल बना हुआ है. मीरा पाइबी (Meira Paibi) संगठन के साथ जुड़ीं महिलाओं ने 17 जनवरी की रात को विरोध प्रदर्शन किया. मोरेह में 17 जनवरी की सुबह को सुरक्षा बलों और हथियारबंद उग्रवादियों के बीच गोलीबारी हुई थी. उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड भी दागे थे. इसमें दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई. इसके बाद राजधानी में विरोध प्रर्दशन किया गया.

इंडिया टुडे से जुड़ीं बेबी शिरीन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं ने यहां मशाल रैली निकाली. मणिपुर में बढ़ रही हिंसा के विरोध में इन महिलाओं ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आधिकारिक आवास की ओर मार्च किया. 

Meira Paibi की मांग

ये प्रदर्शनकारी महिलाएं मालोम, कीशमपत और क्वाकीथेल क्षेत्रों से आई थीं. उन्होंने मार्च करते हुए नारे लगाए. और मुख्यमंत्री सचिवालय के अंदर जाने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

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प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मोरेह और मणिपुर के अन्य इलाकों में हुई गोलीबारी की निंदा की. साथ ही उन्होंने सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) एग्रीमेंट को खत्म करने की मांग की.

Suspension of Operations Agreement क्या है?

2008 में उग्रवादी समूहों के साथ राजनीतिक बातचीत शुरू करने के उद्देश्य से सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस एग्रीमेंट शुरू किया गया था. इसे सभी पक्षो से हिंसा और दुश्मनी को खत्म करने के मकसद से लाया गया था. 

इस समझौते पर 22 अगस्त, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे. इसमें तय हुआ कि ये समूह भारत का संविधान मानेंगे और राजनीतिक स्तर पर बातचीत शुरू करेंगे. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में लगभग 32 कुकी विद्रोही समूह सक्रिय हैं. इनमें से 25 समूह ऐसे हैं जो भारत सरकार और मणिपुर सरकार के साथ इस त्रिपक्षीय SoO एग्रीमेंट के अंदर आते हैं. मीरा पइबी इस समझौते को खत्म करने की मांग कर रहा है

Moreh में क्या हुआ था?

17 जनवरी की सुबह लगभग 4 बजे मोरेह के चिकिम गांव की पहाड़ी की चोटी से हथियारबंद उग्रवादियों ने पहला हमला किया. उन्होंने सुरक्षाबलों पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड दागे और गोलियां चलाईं. इस वक्त जवान सो रहे थे. इस हमले में दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, राज्य सरकार को टेंग्नौपाल में अशांति फैलने की आशंका की जानकारी मिली थी. इसके बाद 16 जनवरी को रात 12 बजे इलाके में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया था.

मणिपुर में पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी लोगों के बीच संघर्ष शुरू हुआ. इसके बाद से मणिपुर में हिंसा देखी जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक इस हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.

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