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मणिपुर: मुठभेड़ के बाद मैतेई समुदाय के 2 लोगों के शव मिले, 3 महिलाएं और 3 बच्चे अभी भी गायब

मणिपुर के जिरिबाम में हुई मुठभेड़ के दौरान राहत कैंप में रहने वाले लोग तितर-बितर होने लगे. गोलीबारी जब रुकी तब मालूम पड़ा कि कैंप से 10 लोग लापता हैं.

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मणिपुर में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा एजेंसिया. (तस्वीर:PTI)

मणिपुर में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 11 उग्रवादियों के मारे जाने के बाद अब दो मैतेई समुदाय के लोगों के शव मिले हैं. जबकि मुठभेड़ के बाद से 6 लोग अभी भी लापता हैं. जिरिबाम में हुई मुठभेड़ के बाद इलाके में तनाव है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर पुलिस को जाकुराधोर इलाके में 12 नवंबर की सुबह दो शव मिले. इनकी पहचान 63 साल के लैशराम बालेन सिंह और 71 साल के माईबाम केशो सिंह के रूप में हुई है. यह दोनों व्यक्ति बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के राहत कैंप में रह रहे थे और 11 नवंबर को हुई मुठभेड़ के बाद से गायब थे.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद लापता लोगों की तलाश के लिए एक अभियान शुरू किया गया. इस दौरान दो लोगों के शव जकुराधोर करोंग क्षेत्र में मलबे में पाए गए. इसी जगह पर सोमवार को उग्रवादियों ने कुछ दुकानों में आग लगा दी थी.

अखबार में इस मसले को लेकर स्थानीय नागरिक युरेम्बम संजय सिंह का बयान छपा है. उन्होंने बताया,

“कल जब गोलीबारी शुरू हुई तब राहत कैंप में रहने वाले लोग तितर-बितर होने लगे. गोलीबारी जब रुकी तब मालूम पड़ा कि कैंप से 10 लोग लापता हैं. आज सुबह हमें 2 शव मिले जबकि 6 लोग अभी भी गायब हैं. लापता लोगों में 3 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं. हमें बहुत डर लग रहा कि वे कहां होंगे और किस हाल में होंगे.”

उन्होंने बताया कि इस साल जून में हुई हिंसा के बाद आसपास के गावों के लिए पुलिस स्टेशन में एक राहत कैंप लगाया गया था. इसमें 118 लोग रह रहे थे. इसके अलावा कुछ मैतेई समुदाय के लोग जिरिबाम जिला मुख्यालाय से 20 किलोमीटर दूर बनाए गए राहत कैंपों में हैं. 

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मुठभेड़ के बाद पूर्ण बंद का ऐलान

मणिपुर के जिरिबाम में हुई मुठभेड़ के बाद कुकी-जो काउंसिल ने गोलीबारी में मारे गए लोगों के प्रति सामूहिक दुख प्रकट किया है. इस दौरान 12 नवंबर की सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्ण बंद का एलान किया गया. पुलिसकर्मियों ने संवेदनशील स्थानों पर गश्त की और उग्रवादियों को खदेड़ने का अभियान चलाया. भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की टीम को अशांत क्षेत्रों में तैनात किया गया है.

इससे पहले मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 11 हथियारबंद उग्रवादियों को मार गिराया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये उग्रवादी जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा इलाके में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने आए थे. उग्रवादियों ने जिरीबाम के CRPF कैंप पर हमला कर दिया था. इस हमले में CRPF का एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ है.

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया