मणिपुर में मौजूदा क़ानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने 27 सितंबर को पूरे राज्य को 'अशांत क्षेत्र' (disturbed area) घोषित कर दिया है. सरकार ने माना है कि अलग-अलग चरमपंथी/विद्रोही समूहों की गतिविधियों के मद्देनज़र राज्य में सशस्त्र बलों की ज़रूरत है.
पूरा मणिपुर 'Disturbed Area' घोषित, क्या हालात इतने खराब हो गए हैं?
AFSPA के तहत, 19 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य को ही 6 महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया गया है.
इसीलिए - राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक़ - सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत 6 महीने के लिए पूरे राज्य को ही अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है. 19 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर.
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लिस्ट से बाहर किए थानों में इम्फाल, लाम्फेल, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल शामिल हैं. बीते रोज़, 26 सितंबर को ही राज्य की राजधानी इंफाल में दो छात्रों के अपहरण और हत्या के ख़िलाफ़ छात्र समूहों ने बड़ी-बड़ी रैलियां निकाली थीं.
दरअसल, 20 साल के फिजाम हेमजीत और 17 साल के हिजाम लिनथोइनगांबी नाम के दो छात्र जुलाई से ही लापता थे. इंटरनेट वापस शुरू हुआ, तो उनकी तस्वीरें चलने लगीं. कथित तौर पर उन तस्वीरों में दोनों के शव थे और दो हथियारबंद लोग. इसके बाद से जनता भड़की हुई है. सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है. प्रोटेस्ट इतना जबरदस्त कि प्रदर्शनकारी रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) से भिड़ गए. दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर आई.
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उधर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य के लोगों को आश्वसन दिया कि राज्य और केंद्र सरकार अपराधियों को पकड़ने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. ख़बर है कि ये मामला CBI को सौंप दिया गया है. उसकी एक टीम इंफाल पहुंच भी गई है.
हिंसा की आशंका में मणिपुर पुलिस, CRPF और RAF कर्मियों की बड़ी टुकड़ियों को इंफाल और राज्य के अन्य हिस्सों में तैनात किया गया है. साथ ही सरकार ने नए विरोध प्रदर्शनों के बाद अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है.