The Lallantop

अपने स्पर्म में पिता के स्पर्म मिलाकर पार्टनर को किया प्रेग्नेंट, प्रशासन को पता चला तो...

जब स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, तो उसने बच्चे के माता-पिता के बारे में पता लगाने के लिए न्यायिक जांच कराने की प्लानिंग कर ली. स्थानीय प्रशासन ने कोर्ट से मांग की कि उस व्यक्ति का DNA टेस्ट कराया जाए. लेकिन कोर्ट ने ये मांग खारिज कर दी.

post-main-image
व्यक्ति ने बताया कि उसके पास IVF के पैसे नहीं थे.(प्रतीकात्मक तस्वीरें - Unsplash.com)

यूनाइटेड किगंडम के रहने वाले एक शख्स ने कुछ साल पहले अपने स्पर्म में पिता का स्पर्म मिलाकर अपनी पार्टनर को गर्भवती किया था. इसे लेकर स्थानीय प्रशासन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उसने बच्चे के पिता की पहचान के लिए शख्स का DNA टेस्ट कराने की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया है. लेकिन इस बहाने गर्भधारण का ये दिलचस्प मामला दुनिया के सामने आ गया है.

ब्रिटिश अखबार दी गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रजनन संबंधी समस्याओं के चलते कपल बच्चा पैदा नहीं कर पा रहा था. और उनकी माली हालत ऐसी नहीं थी कि वो IVF का खर्च उठा सकें. इसीलिए पति ने अपने स्पर्म में पिता का स्पर्म मिलाया और उसे पत्नी के शरीर में इंजेक्ट करा दिया. दोनों पार्टनर इस पूरी प्रक्रिया को छिपाना चाहते थे. लेकिन जब स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो उसने उनके बारे में पता लगाने के लिए न्यायिक जांच कराने की प्लानिंग कर ली.

स्थानीय प्रशासन ने हाई कोर्ट में दरवाजा खटखटाया. और, कोर्ट से मांग की कि उस व्यक्ति का DNA टेस्ट कराया जाए. जिससे पता चले कि वो बच्चे का पिता है या नहीं. हालांकि हाई कोर्ट ने 15 फ़रवरी को इस मांग को ख़ारिज कर दिया. कानूनी कारणों से कोर्ट में शख़्स का नाम नहीं बताया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक़, कोर्ट ने पिता को ‘PQ’ से संबोधित किया. जबकि पत्नी को ‘JK’. PQ के पिता को ‘RS’ और बच्चे को ‘D’ नाम दिया गया जो अब 5 साल का हो चुका है. कोर्ट ने कहा कि डीएनए टेस्ट के रिजल्ट से प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है. अपना आदेश सुनाते हुए हाई कोर्ट के जज ने कहा,

"ये जानने की इच्छा हो सकती है कि D का जैविक पिता कौन है, लेकिन इसके रिजल्ट में प्रशासन की कोई हिस्सेदारी नहीं. जन्म के सटीक रिकॉर्ड के लिए सार्वजनिक हित के लिए याचिका दायर कर सकते हैं. लेकिन व्यक्तिगत रूचि नहीं दिखा सकते."

ये भी पढ़ें - स्पर्म फ्रीज़िंग क्या है?

कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि बच्चे के असली पिता की जानकारी के लिए DNA टेस्ट कराना है या नहीं, ये पूरी तरह से परिवार पर निर्भर करता है. हाई कोर्ट के जज ने कहा,

"मुझे लगता है कि JK (पत्नी), PQ (व्यक्ति) और RS (पिता) ने JK को प्रेग्नेंट करने का प्लान कुछ सोच समझ कर बनाया होगा. मुझे नहीं लगता कि बिना सोचे-समझे उन लोगों ने ये फ़ैसला लिया होगा."

फ़ैसले में जज ने ये भी कहा कि PQ (पति) का D (बच्चे) के साथ स्थापित बाप-बेटे का रिश्ता था और बच्चे, पिता और उसकी मां पर निर्भर करता है कि वो चाहें तो इसके बारे में बताएं या ना बताएं.