27 अगस्त की शाम सीताराम घर आया और अपनी मां से शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगा. फूलो बाई ने पैसे देने से मना किया तो सीताराम ने कुल्हाड़ी अपनी मां पर हमला कर दिया. फूलो बाई का सिर फट गया. और भेजा बाहर आ गया. इतने पर भी उसका कलेजा ठंडा नहीं हुआ. हैवानियत की हदें पार करते हुए सीताराम ने अपनी मां के भेजे को निकाल कर कड़ाही में रख दिया. उसने भेजे के कई टुकड़े किए. और उन्हें पकाने की तैयारी करने लगा. तब तक उसके भाई की पत्नी आ गई. जिसे देख सीताराम घर से भाग गया. फूलो बाई की बहू ने अपने पति को पूरी बात बताई और पुलिस को सूचना दी.

तस्वीर इतनी वीभत्स है कि जिसे हम आपको दिखा नहीं सकते.
पुलिस मौके पर पहुंची तो दंग रह गई. गांव के ही एक घर से सीताराम को गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपनी मां के भेजे को पका कर खाना चाहता था. खरसिया थाने की एसडीओपी गरिमा द्विवेदी ने बताया,
फूलो बाई की हत्या उसके बेटे ने ही की. उसका बेटा मानसिक रोगी. उसने शराब के लिए पैसे मांगे और न मिलने पर अपनी मां को मार दिया. उसने मां के मस्तिष्क को क्षत-विक्षत कर दिया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.सीताराम पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पहले भी वह अक्सर अपनी मां और भाई के साथ मारपीट करता था. इन झगड़ों की वजह से उसका भाई उससे अलग रहने लगा था. लेकिन मां फूलो बाई सीताराम के साथ ही रहती थी.
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