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हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के सामने व्यक्ति ने अपना गला काट लिया

कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश निलय विपिनचंद्र अंजारिया ने कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक के संबंध में चिंता व्यक्त की. पुलिस आत्महत्या के कारण ढूंढने का प्रयास कर रही है.

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कर्नाटक हाईकोर्ट के अंदर एक व्यक्ति ने किया आत्महत्या का प्रयास. (तस्वीर:PTI)

कर्नाटक हाई कोर्ट में 3 अप्रैल को एक शख्स ने आत्महत्या करने की कोशिश की. घटना हाई कोर्ट परिसर में हुई. बताया गया कि व्यक्ति ने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश निलय विपिनचंद्र अंजारिया के सामने आत्महत्या करने की कोशिश की. मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने बिना समय गंवाए घायल शख्स को हॉस्पिटल ले गए, जहां उसका अभी इलाज चल रहा है. घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. आत्महत्या करने की वजह अभी पता नहीं चल सकी है.

कोर्ट परिसर में आत्महत्या का प्रयास

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले श्रीनिवास ने बुधवार को कोर्ट परिसर के रूम नंबर-1 के एंट्रेस पर खड़े सुरक्षाकर्मियों को एक फाइल सौंपी. इससे पहले कि किसी को कुछ भनक लगती, श्रीनिवासन ने मुख्य न्यायाधीश अंजारिया के सामने चाकू से अपना गला काटने का प्रयास किया. परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत श्रीनिवास को बॉरिंग हॉस्पिटल ले गए.

एजेंसी के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आत्महत्या का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा,

“हमें नहीं मालूम कि श्रीनावसन ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. वह कोर्ट के रूम नंबर-1 में दाखिल हुआ और चाकू से अपना गला काटने की कोशिश की. वहां मौजूद सुरक्षा कर्मचारियों ने उसे देखा और तुरंत बचाया. वो अभी अस्पताल में एडमिट है.”

जज ने व्यक्त की चिंता

मुख्य न्यायाधीश अंजारिया ने हाई कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक के संबंध में चिंता व्यक्त की. जिन लोगों के पास सुरक्षा का जिम्मा होता है उनसे न्यायाधीश अंजारिया ने सवाल किया. सवाल ये कि वो व्यक्ति धारदार हथियार लेकर अंदर कैसे आ गया. उन्होंने पुलिस को घटनास्थल का पंचनामा करने का भी आदेश दिया. 

श्रीनिवास ने परिसर में प्रवेश करते वक्त सुरक्षा कर्मचारियों को जो फाइल दी थी उसमें क्या है, इसको लेकर कुछ पता नहीं चल सका है. कोर्ट ने उन डॉक्यूमेंट्स की जांच करने से इनकार भी कर दिया है. क्योंकि इसे किसी नामित वकील द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया था. और इसी के साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों को बिना आदेश के कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं लेना चाहिए.

पुलिस आत्महत्या के कारण ढूंढने का प्रयास कर रही है. श्रीनिवासन के स्वस्थ घोषित किए जाने के बाद ही उसका बयान दर्ज किया जाएगा.

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