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"मैं कल रात सो नहीं पाई...', धरने पर बैठे डॉक्टर्स से मिलने के बाद ममता ने बातचीत के लिए घर बुलाया

'हमें न्याय चाहिए' के ​​नारों के बीच Mamata Banerjee ने कहा, 'मैं आपके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करूंगी. ये उत्तर प्रदेश नहीं है.' उन्होंने और क्या-क्या कहा?

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छात्रों का कहना है कि वो अपनी पांच सूत्री मांगों पर अड़े रहेंगे. (फ़ोटो - PTI)

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज, 14 सितंबर को अचानक प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स से मिलने पहुंची. ममता ने डॉक्टर्स को आश्वासन दिया कि वो प्रदर्शनकारियों की मांगों पर गौर करेंगी और ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के संबंध में, अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई करेंगी. इस मामले में ताज़ा अपडेट ये है कि ममता ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स को आज शाम 6 बजे बातचीत के लिए अपने घर बुलाया है.

‘मैं कल रात सो नहीं पाई’

ममता जब प्रदर्शनस्थल पर पहुंची तो डॉक्टर्स 'हमें न्याय चाहिए' के ​​नारे लगा रहे थे. इस बीच, ममता बनर्जी ने उनसे कहा कि वो डॉक्टरों से उनकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हैं, मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं. प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए ममता ने कहा,

मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आपकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हूं. मेरा पद बड़ा नहीं है. लोग बड़े हैं. मैं कल रात सो नहीं पाई, क्योंकि आप सभी ने इस भारी बारिश में विरोध प्रदर्शन किया. मैं यहां आपको ये बताने आई हूं कि कृपया ऐसा न करें. मैं आपसे वादा करती हूं कि हम आपकी मांगें पूरी करेंगे. मैं भी ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय चाहती हूं.

उन्होंने कहा कि अगर आंदोलनकारी उन पर भरोसा कर सकते हैं, तो वो उनकी मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए उन्हें समय चाहिए. उन्होंने 'हमें न्याय चाहिए' के ​​नारों के बीच कहा,

मैं आपके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करूंगी. ये उत्तर प्रदेश नहीं है. उन्होंने एस्मा लागू कर दिया है और सभी तरह की हड़तालों और रैलियों पर रोक लगा दी है. लेकिन निश्चिंत रहें, मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी. मैं डॉक्टरों के ख़िलाफ़ किसी भी कार्रवाई के ख़िलाफ़ हूं. मुझे पता है कि आप नेक काम करते हैं.

डॉक्टरों से बात करते हुए बनर्जी ने ये भी कहा की कि सभी सरकारी अस्पतालों की पेसेंट वेल्फ़ेयर कमेटिज़ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संकट को हल करने की मेरी आख़िरी कोशिश है. हालांकि, धरने पर जूनियर डॉक्टरों ने उनका स्वागत किया और कहा कि वे सरकार के साथ कहीं भी चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वो अपनी पांच सूत्री मांगों पर अड़े रहेंगे. मुख्यमंत्री के जाने के बाद आंदोलनकारी डॉक्टर्स ने बताया कि वो बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं.

डॉक्टर कोलकाता में राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय, स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं. उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है.

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2 दिन पहले बातचीत नहीं हो पाई

इससे पहले, 12 सितंबर को ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के बीच बातचीत तय हुई थी. लेकिन बातचीत नहीं हो पाई. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने 2 घंटे इंतजार किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. दरअसल, आंदोलनकारी डॉक्टर्स ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक का लाइवस्ट्रीम करने की मांग की थी. इसे राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया था. 

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