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INDIA गठबंधन में टूट? ममता बनर्जी का ऐलान- 'लोकसभा चुनाव अकेले लड़ूंगी', कांग्रेस को खूब सुनाया

'INDIA' गठबंधन की अहम सदस्य Mamata Banerjee के इस ऐलान से विपक्षी एकता को पश्चिम बंगाल में तगड़ा झटका लगा है. West Bengal ने एकला चलो का नारा देते हुए Congress और Rahul Gandhi को क्या-क्या सुनाया है?

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अब INDIA का क्या होना है.

INDIA गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. बहुत दिनों से सीट-शेयरिंग की ख़बरें आ रही थीं. कुछ मन-मुटाव, कुछ मान-मनौव्वल की ख़बरें आ रही थीं. आज, 24 जनवरी को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने अपना रुख साफ़ कर दिया. कहा - ‘ऐकला चोलबे’. माने वो 2024 का चुनाव अकेले लड़ेंगी, गठबंधन में नहीं. 

इंडिया टुडे के इनपुट्स के मुताबिक़, ममता ने कहा -

मैंने जो भी सुझाव दिए, वो सभी नकार दिए गए. इन सबके बाद हमने बंगाल में अकेले जाने का फ़ैसला किया.

उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना यह भी कहा कि वह पश्चिम बंगाल में यात्रा करने जा रहे हैं, इसकी जानकारी शिष्टाचार के नाते भी उनको नहीं दी गई. और, किसी भी तरह की कोई चर्चा न करना पूरी तरह ग़लत है.

Mamata Banerjee की नाराज़गी की असल वजह

मंगलवार, 23 जनवरी को TMC प्रमुख ने सीट के बंटवारें को लेकर कांग्रेस पर मनमानी के आरोप लगाए थे. न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़, उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं की वकालत की थी. कहा था,

मैं इस बात पर ज़ोर देती रही हूं कि जिस क्षेत्र में जिस पार्टी की पकड़ हो, उसे उस क्षेत्रीय पार्टी के लिए छोड़ देना चाहिए. वो (कांग्रेस) अकेले 300 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. और मैं उनकी मदद करूंगीं. लेकिन वो वही करने पर अड़े हैं, जो वो करना चाहते हैं.

मुझमें बीजेपी से मुकाबला करने और उनके खिलाफ लड़ने की ताकत है. लेकिन कुछ लोग सीट बंटवारे के बारे में हमारी बात नहीं सुनना चाहते. अगर वो बीजेपी से नहीं लड़ना चाहते, तो न लड़ें. लेकिन कम से कम उन्हें सीट (जीतने) तो न दें.

किसी पार्टी का नाम लिए बिना उन्होंने INDIA गठबंधन में सीट-शेयरिंग को लेकर हो रही देरी की भी आलोचना की.

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Rahul Gandhi पर भी साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को असम में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से रोक दिया गया था. ममता ने इस बारे में स्पष्ट कहा, 

सिर्फ़ मंदिर जाना काफी नहीं. आज कितने नेताओं ने भाजपा का सीधा मुकाबला किया. कोई एक मंदिर में गया और सोचा कि इससे काम हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं है. मैं अकेली हूं जिसने मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च का दौरा किया. जब बाबरी मस्जिद पर मामला हुआ और जब हिंसा भड़की, तब मैं सड़कों पर थी.

23 जनवरी को ही TMC प्रमुख के आरोपों पर कांग्रेस और CPI(M) की प्रतिक्रिया भी आई थी. बंगाल के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि उन्हें जो अच्छा लगता है, उन्हें करने दीजिए.

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अब ममता ने वो कर दिया, जो उन्हें करना था. कांग्रेस समेत 28 विपक्षी दलों के गठबंधन के लिए ये सबसे बड़ा झटका है. 

पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं.  पिछले चुनाव में टीएमसी ने सबसे ज्‍यादा 22 सीटें जीती थीं. वहीं, बीजेपी को 18 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस सिर्फ़ दो ही सीटें जीत पाई थी – मालदा दक्षिण और बहरामपुर. इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का क़ब्‍ज़ा है. स्थानीय राजनीति कवर करने वाले बताते हैं कि कांग्रेस चाहती थी क‍ि उन्हें 6 से 10 सीटें दी जाएं. लेकिन  ममता की पार्टी दो  सीटों से ज़्‍यादा देने को तैयार नहीं थी. कांग्रेस इतनी कम सीटों पर मान नहीं रही थी. कई दिनों से इसी पर गराड़ी अटक गई थी.

अब गराड़ी तो निकल गई, लेकिन गठबंधन के लिए संकेत अच्छे नहीं हैं. ममता बनर्जी का ये फ़ैसला ऐसे समय आया है, जब राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा' चल रही है. नीतीश कुमार के फि‍र से 'पलटी मार' NDA में जाने की अटकलें लग रही हैं. अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच यूपी में सीट-शेयरिंग की बात नहीं बन पा रही है.

ऐसे में कांग्रेस अपनी स्ट्रैटजी बदलेगी या नहीं, ये देखने वाली बात होगी.