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मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने, कितने वोटों से शशि थरूर को हराया

जानिए शशि थरूर को कितने वोट मिले.

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(बाएं-दाएं) मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर. (तस्वीरें- ट्विटर)

राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं. 17 अक्टूबर को हुए अध्यक्ष चुनाव में खड़गे ने शशि थरूर (Shashi Tharoor) को बड़े अंतर से हरा दिया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे को कुल 7,897 वोट मिले. वहीं शशि थरूर को 1,072 वोट मिले. 416 वोट को अमान्य करार दे दिया गया. 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का कोई नेता कांग्रेस का अध्यक्ष बना है.

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नए अध्यक्ष बन गए हैं. मिस्त्री से जब पूछा गया कि राज्यवार कितने वोट मिले तो उन्होंने कहा कि सभी वोटों को मिला दिया गया, उसके बाद काउंटिंग हुई. इसलिए ये डेटा नहीं है कि किस राज्य से किसे कितने वोट मिले.  

शशि थरूर क्या बोले?

चुनाव के नतीजे आने के बाद शशि थरूर ने ट्विटर पर बयान जारी कर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी. थरूर ने अपनी हार स्वीकार करते हुए लिखा, 

"कांग्रेस का अध्यक्ष बनना एक बड़ा सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी है. उम्मीद करता हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे इस जिम्मेदारी को निभाने में सफल होंगे. एक हजार से ज्यादा सहयोगियों और पूरे भारत से कांग्रेस के इतने सारे शुभचिंतकों का समर्थन मिलना मेरा सौभाग्य है."

आखिरी चुनाव 22 साल पहले

कांग्रेस में नए अध्यक्ष का इंतजार लंबे समय से था. 2019 लोकसभा चुनावों में हार के बाद उसी साल जुलाई में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफा देते हुए एक ओपन लेटर लिखा था जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी ली थी. इसके बाद सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में दोबारा पार्टी की जिम्मेदारी अपने पास रखी थी.

राहुल गांधी के दो सालों (2017-2019) को छोड़ दें सोनिया गांधी 1998 से अध्यक्ष पद पर थीं. इससे पहले साल 2000 में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुए थे, जिसमें सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद थे. सोनिया गांधी उस चुनाव में बड़े अंतर से जीत गई थीं. जितेंद्र प्रसाद को सिर्फ 74 वोट मिले थे.

इस बार के चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 9 हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. इनमें पार्टी के कई बड़े नेता, सांसद, विधायक, मंत्री, पार्षद के अलावा जमीनी स्तर के कार्यकर्ता भी शामिल रहे. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (CEA) ने मतदान के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय की थी. इसके लिए देशभर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालयों के अलावा दूर-दराज के इलाकों में पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स डिपार्टेमेंट के हेड प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया था कि पार्टी पिछले एक साल से इस चुनाव की तैयारी कर रही थी. CEA लगातार इस काम में लगा हुआ था. 17 अक्टूबर को चुनाव संपन्न हुआ. इसके बाद मंगलवार 18 अक्टूबर को सभी 'सीक्रेट' बैलेट बॉक्स को दिल्ली लाया गया था.

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