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फेसम होने के लिए ट्रेन पलटाने वाले थे शराबी, अब यूपी पुलिस दे रही है पूरा 'इनाम'

Farrukhabad UP News: पुलिस के मुताबिक आरोपी देव सिंह राजपूत और मोहन कश्यप ने रेलवे ट्रैक पर लकड़ी के फट्टे रखकर योजना को अंजाम देना भी शुरु कर दिया था. मगर ट्रेन ड्राइवर की सूझबूझ से हादसा टल गया. फिलहाल दोनों आरोपी हवालात की हवा खा रहे हैं.

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देव सिंह राजपूत और मोहन कश्यप (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक बड़ा ट्रेन हादसा होने से बच गया (Train Accident Averted UP). आरोप है कि कुछ युवकों ने रेल की पटरी पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा डालकर बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश की थी. वो कथित तौर पर ट्रेन पलटाकर फेमस होना चाहते थे. मामले में पुलिस ने दो युवकों को अरेस्ट कर लिया है.

आज तक से जुड़े फिरोज खान की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना भटासा हॉल्ट के पास स्थित रेल लाइन की है. SP आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि 24 अगस्त की रात को कुछ अज्ञात युवकों ने पटरी पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रख दिया था. उस पटरी पर रात करीब 11 बजे कासंगज से चलकर फर्रुखाबाद की तरफ आ रही ट्रेन को गुजरना था.

घटना में दो युवकों के शामिल होने की जानकारी मिली है. आरोपियों की पहचान देव सिंह राजपूत और मोहन कश्यप के तौर पर हुई है. उन्होंने कथित तौर पर शराब के नशे में पटरी पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रख दिया. पुलिस के मुताबिक, ट्रेन को पलटाकर वो फेमस होना चाहते थे. दोनों को अरेस्ट कर लिया गया है.

घटना का निरीक्षण करने पर पता चला कि वहां आम के कुछ पुराने पेड़ थे जो टूट गए थे. कुछ लोगों ने पेड़ काटकर लकड़ी के टुकड़े रेलवे ट्रैक के पास रख दिए थे. घटनास्थल से शराब की बोतल भी मिली.

कैसे रोका गया हादसा?

खबर है कि रात को कासंगज से आ रही ट्रेन के ड्राइवर ने लकड़ी का टुकड़ा देखते ही ठीक समय पर ट्रेन को रोक लिया. हालांकि ट्रेन के रुकते रुकते इंजन में लकड़ी का टुकड़ा फंस चुका था. इसके बाद लकड़ी का टुकड़ा हटाया गया. इस चक्कर में ट्रेन आधा घंटा लेट हो गई.

बच्चे ने रोका ट्रेन हादसा!

कुछ दिन पहले बिहार के समस्तीपुर में 11 साल के एक लड़के ने ट्रेन हादसा रोक कर कई यात्रियों की जान बचाई थी. 1 जून की दोपहर को मोहम्मद शाहबाज अपने घर जा रहा था. रास्ते में पड़ा रेलवे ट्रैक. उसके पास से गुजरते हुए शाहबाज ने देखा कि ट्रैक में दरार पड़ी थी. उसी वक्त ट्रैक पर समस्तीपुर की ओर से आ रही ट्रेन दिखी. शाहबाज ने एहतियात बरतने में देर नहीं की. उसने धूप से बचने के लिए जो लाल रंग का गमछा पहन रखा, उसे उतार कर लहराने लगा. ट्रेन चालक ने भी सतर्कता दिखाई और ट्रेन रोक दी.

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कहा गया कि ट्रैक की वजह से काठगोदाम एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो सकती थी, जिसमें उस वक्त करीब 1500 यात्री सवार थे. लेकिन शाहबाज की सूझबूझ और ट्रेन पायलट की तीव्र प्रतिक्रिया की वजह से कोई अनहोनी नहीं हुई. लड़के की समझदारी के लिए रेलवे प्रशासन ने उसे पुरस्कृत भी किया.

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