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कैश फॉर क्वेरी मामले में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द

महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया. वोटिंग के दौरान लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ.

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महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द (तस्वीर साभार- इंडिया टुडे)

कैश फॉर क्वेरी मामले (Cash For Query) में आरोपी TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. एथिक्स कमेटी (Ethics Committee) की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव सदन में पेश हुआ था. मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया. वोटिंग के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि अगर सदन की गरिमा बनाकर रखनी है तो कुछ सख्त फैसले लेने होंगे.

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी. उन्होंने कहा कि उन्हें पैनल की मीटिंग में बोलने का मौका मिला था.

महुआ मोइत्रा पर Cash for query का आरोप

महुआ मोइत्रा. पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सांसद थीं. बीते दिनों बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. वो ये कि महुआ लोकसभा में सवाल पूछने के पैसे लेती हैं, और पैसे देने वाले का नाम भी लिया - बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी.

तृणमूल कांग्रेस की सांसद पर लगे आरोपों की शिकायत संसद की एथिक्स कमेटी को भेजी गई थी. कमेटी ने जांच के बाद इन आरोपों को सही ठहराया था. इस बीच मोइत्रा अपना पक्ष लगातार रखती रहीं. 27 अक्टूबर को अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में महुआ ने बताया कि कोई भी सांसद अपने सवाल टाइप नहीं करता है. उन्होंने बताया,

“मैंने हीरानंदानी को पासवर्ड दिया ताकि उनके ऑफिस से कोई मेरे सवाल टाइप और अपलोड कर दे. उसमें OTP के लिए मेरा नंबर दिया हुआ है. दर्शन या कोई और मेरी जानकारी के बिना सवाल नहीं डाल सकता.”

सवाल के बदले पैसे लेने के आरोपों पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि दर्शन ने अपने हलफनामे में कहीं भी पैसे देने की बात का जिक्र नहीं किया है. संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament winter session) के पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. इस मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सांसद मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों के संबंध में चर्चा कराने की मांग की थी. मीटिंग में पार्टी ने ये भी कहा कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था.

महुआ का जवाब

लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने के दौरान महुआ भी सदन में मौजूद थीं. संसद पहुंचने पर महुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा- 'मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है. जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है.’ सदस्यता जाने के बाद महुआ का पहला रिएक्शन आया है. उन्होंने कहा , 

“मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मैंने अडानी का मुद्दा उठाया था और आगे भी उठाती रहूंगी. किसी भी उपहार की नकदी का कोई सबूत नहीं है.” 

महुआ मोइत्रा आगे कहती हैं,

“मेरे निष्कासन की सिफारिश इस आधार पर की गई कि मैंने अपना संसद का लॉगिन पोर्टल किसी से साझा किया है. पर इसको नियंत्रित करने के लिए तो कोई नियम ही नहीं हैं.” 

मोइत्रा ने दावा किया कि एथिक्स कमेटी के पास उन्हें निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है और यह बीजेपी के अंत की शुरुआत है.

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