महिषासुर मर्दिनी की तस्वीर में आपने उनके चरणों में गिरे हुए भीमकाय दैत्य को ज़रूर देखा होगा. बड़े-बड़े दाँत, सिर पर भैंसे जैसे सींग और खूँखार आँखों वाले महिषासुर को देवी दुर्गा अपने त्रिशूल से बींधते हुए नज़र आती हैं.
हिंदू महासभा ने दुर्गा पंडाल लगाया, महिषासुर की जगह 'गांधी' की मूर्ति लगा दी
हिंदू महासभा का कहना है कि मूर्ति का गांधी जैसा दिखना केवल 'संयोग' है. अब इसमें बदलाव कर इसे असुर जैसा बना दिया गया है.
पर कलकत्ता के एक दुर्गापूजा पंडाल में महिषासुर दैत्य की जगह एक ऐसे व्यक्ति की मूर्ति बनाई गई है जिसने गोल चश्मा पहना है, सिर पर बाल नहीं हैं, उघाड़े बदन है, एक धोती पहने हुए है और हाथ में हथियार की बजाए एक निरीह सी लाठी है. इस आदमी को पहचानने के लिए किसी इनाम की घोषणा नहीं की गई है क्योंकि इसे देखते ही हर किसी के मुँह से निकलेगा – महात्मा गांधी.
पर महिषासुर दैत्य की जगह महात्मा गांधी जैसे दिखने वाले व्यक्ति की मूर्ति लगाने का मकसद क्या हो सकता है? और वो कौन लोग हैं जो एक मिथकीय दैत्य की जगह गांधी को देखना चाहते हैं?
खबरों के मुताबिक दुर्गा पूजा का ये पंडाल अखिल भारत हिंदू महासभा (AIHM) ने बनवाया है. आप जानते ही हैं कि महात्मा गांधी का हत्यारा नथूराम गोडसे इसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य था. हिंदू महासभा ने अपने मुख्यालय में गोडसे की मूर्ति भी लगाई है.
पर क्या देवी के चरणों में महात्मा गांधी की मूर्ति ही लगाई गई है?
हिंदू महासभा का कहना है कि मूर्ति का गांधी जैसा दिखना केवल ‘संयोग’ की बात है. हालांकि उसने ये भी कह दिया कि स्वतंत्रता की लड़ाई में गांधी की भूमिका की आलोचना होनी चाहिए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मामले पर हिंदू महासभा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी का कहना है,
“जरूरी नहीं है कि बिना बाल वाले सिर और चश्मा पहना हुआ शख्स गांधी ही हो. असुर के हाथ में ढाल होती है. गांधी ने कभी भी ढाल नहीं पकड़ी. ये संयोग है कि मां दुर्गा जिस असुर को मार रही हैं वो गांधी जैसा दिखता है. बहुत से लोग यही कह रहे हैं. हालांकि ये भी सच है कि गांधी की आलोचना की जानी चाहिए.”
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल काँग्रेस सहित कई राजनातिक पार्टियों ने पंडाल में ऐसी मूर्ति लगाने के लिए हिंदू महासभा की कड़ी आलोचना की है.
टीएमसी ने कहा है कि हिंदू महासभा ने ‘अभद्रता की सीमा’ पार कर दी है. पार्टी ने बीजेपी पर भी निशाना साधा है. बंगाल में टीएमसी के महासचिव कुणाल घोष ने कहा,
“ये बीजेपी का असली चेहरा है. बाकी सब उसका ड्रामा है. महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं. दुनिया गांधी और उनकी विचारधारा का सम्मान करती है. उनका ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम इसका सख्त विरोध करते हैं.”
कांग्रेस प्रवक्ता सौम्य रॉय ने गांधी के इस “अपमान” को देश-दुनिया के लिए शर्म की बात बताया. वहीं सीपीआई-एम के नेता समिक लाहिड़ी ने कहा,
"यही बीजेपी और संघ परिवार का सच है. वे केवल देश को बांटना जानते हैं. उन्हें लगता है कि ब्रिटिश शासन का विरोध करने वाली ताकतें 'असुर' हैं और (आजादी से पहले का) ब्रिटिश शासन मां दुर्गा है."
हालांकि बीजेपी ने मामले पर अपना स्टैंड साफ किया है. पार्टी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा,
"हम इस तरह की हरकतों का समर्थन नहीं करते हैं. ये पूरी तरह अस्वीकार्य है. प्रशासन को ऐसे आयोजकों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए."
पर हिंदू महासभा गांधी के खिलाफ खुलकर स्टैंड ले रही है. महासभा की तरफ से चंद्रचूड़ गोस्वामी का कहना है कि उनके संगठन के लिए भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही असली नायक हैं. उन्होंने कहा कि वो गांधी की आलोचना करने से नहीं डरते. उनके हिसाब से गांधी उस सम्मान के हकदार नहीं हैं जो उन्हें मिला है. AIHM के प्रवक्ता ने यहां तक कहा,
"हम साफ संदेश देना चाहते हैं कि हम गांधी-मुक्त भारतवर्ष चाहते हैं. हम केंद्र सरकार से पूछते हैं कि वो नाथूराम गोडसे की किताब "मैंने गांधी को क्यो मारा?" को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही?"
चंद्रचूड़ गोस्वामी ने बताया कि उनका संगठन पुलिस-प्रशासन की अनुमति से ही दुर्गा पंडाल का आयोजन कर रहा है. अब तक किसी ने भी हस्तक्षेप नहीं किया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि टीटागढ़ पुलिस स्टेशन में हिंदू महासभा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. बंगाल कांग्रेस कमेटी के एक सदस्य कौस्तुभ बागची की तरफ से की गई इस शिकायत में कहा गया है,
“हिंदू महासभा और इसके नेताओं को महात्मा गांधी का नाम परेशान करता रहा है और अब उन्होंने अपनी दुर्भावना में गांधी जी को राक्षस की श्रेणी में डाल दिया है.”
कौस्तव बागची ने कहा कि हिंदू महासभा उस व्यक्ति का नाम क्यों नहीं बता रही है जिसने दुर्गा के पैरों के पास असुर की जगह गांधी की मूर्ति लगा दी है. उन्होंने ऐसा करने वाले व्यक्ति और पंडाल के आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. बागची ने शिकायत में अपील की है कि आरोपियों पर राजद्रोह करने, किसी पर लांछन लगाने और देश की अखंडता के खिलाफ बयान देने जैसे आरोपों के तहत केस दर्ज किया जाए.
तारीख: जब राष्ट्रगान बजता रहा और महात्मा गांधी बैठे रहे