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सांगली में आत्महत्या नहीं हत्या हुई थी, काले जादू में मार दिए गए परिवार के 9 लोग

महाराष्ट्र के सांगली में वनमोरे भाइयों ने तांत्रिक के जाल में फंसकर 1 करोड़ रुपए दे दिए, तांत्रिक ने बारी-बारी से घर के सभी 9 लोगों को जहर दे दिया!

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महाराष्ट्र के सांगली जिले में 20 जून को हुई 9 लोगों की मौत के मामले में नया मोड़ आया | फोटो: आजतक

महाराष्ट्र (Maharashtra) के सांगली (Sangli) जिले में 20 जून को हुई 9 लोगों की मौत के मामले में नया मोड़ आया है. शुरुआती जांच में पुलिस कर्ज के दबाव में आत्महत्या मान रही थी. लेकिन, अब यह मामला सामूहिक हत्याकांड का बन गया है. पुलिस जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों के परिवार को कथित रूप से एक तांत्रिक और उसके ड्राइवर ने जहर देकर मार डाला था. दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

20 जून को सांगली के म्हैसल गांव में करीब डेढ़ किमी के फासले पर मौजूद दोनों भाइयों के घरों में परिवार के 9 सदस्यों के शव मिले थे. इनमें एक भाई टीचर और दूसरा पशु चिकित्सक था.

‘तांत्रिक ने खजाना ढूंढने के 1 करोड़ रुपए लिए थे’

आजतक से जुड़ीं स्वाति चकिलिकार के मुताबिक पुलिस महानिरीक्षक (कोल्हापुर रेंज) मनोज कुमार लोहिया ने बताया,

तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली ने वनमोरे भाइयों (डॉ. माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे) के लिए गुप्त धन खोजने का वादा किया था और इसके एवज में उसने करीब 1 करोड़ रुपए भी लिए थे. जब गुप्त धन नहीं मिला तो वनमोरे बंधु तांत्रिक से अपनी रकम वापस मांगने लगे. लेकिन अब्बास रुपए वापस नहीं करना चाहता था. दबाव बढ़ा तो उसने वनमोरे बंधुओं के पूरे परिवार को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई.

घटना को कैसे अंजाम दिया?

तांत्रिक ने इस घटना को कैसे अंजाम दिया इसे लेकर पुलिस अधिकारियों ने बताया,

शुरुआती जांच में सामने आया है कि तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली 19 जून को अपने ड्राइवर धीरज चंद्रकांत सुरवशे के साथ म्हैसल गांव में वनमोरे बंधुओं के घर पहुंचा, जहां तांत्रिक ने छिपे हुए खजाने को खोजने के लिए तंत्र-मंत्र की क्रिया शुरू की. इस दौरान उसने परिवार के सदस्यों को उनके घरों की छत पर भेजा, फिर उन्हें एक-एक करके नीचे बुलाया और चाय पीने के लिए कहा, जिसमें पहले से कोई जहरीला पदार्थ मिला हुआ था.

पुलिस के मुताबिक कथित तौर पर इस चाय को पीने के बाद वनमोरे परिवार के लोग बेहोश हो गए और उन्होंने बेहोशी के बाद दम तोड़ दिया.

पुलिस कैसे तांत्रिक तक पहुंची?

वनमोरे भाइयों की गुप्त धन के बारे में कुछ लोगों से बातचीत चल रही थी. देर रात तक दोनों भाई इस बारे में फोन पर बात करते रहते थे. पुलिस ने उनकी कॉल डिटेल्स निकाली और तफ्तीश की तो पता चला इनकी बात तांत्रिक अब्बास मोहम्मद अली और धीरज चंद्रकांत सुरवशे से होती थी. पुलिस ने जब इन दोनों से पूछताछ की तो उन्होंने पूरा मामला खोल दिया.  

सांगली जिले के एसपी दीक्षित गेदाम ने कहा,

मुख्य आरोपी अब्बास मोहम्मद अली और सुरवासे को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोपियों से पूछताछ जारी है. दोनों को जल्द सांगली कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पहले क्यों लगा कि परिवार ने की आत्महत्या?

बीते 20 जून को सांगली जिले के म्हैसल गांव में पोपट वनमोर (54), उनके भाई और पशु चिकित्सक डॉ माणिक वनमोर (49), उनकी 74 साल की मां, पत्नियां और चार बच्चे अलग-अलग घरों में मृत पाए गए थे. पुलिस को दोनों ही घरों से सुसाइड नोट मिले थे.

आजतक की स्वाति चकिलिकार के मुताबिक पुलिस को शुरू में लगा कि यह सामूहिक खुदकुशी का मामला है, क्योंकि सुसाइड नोट में मृतक परिवार ने कर्ज देने वाले छोटे-बड़े साहूकारों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था. माना गया कि वनमोरे बंधुओं ने कर्ज लिया हुआ था और इसी के दबाव में आत्महत्या कर ली. पुलिस ने इस मामले में 25 आरोपियों में से 19 को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया था.

लेकिन इसके बाद भी पुलिस की जांच जारी थी क्योंकि घटनास्थल से 9 में से सिर्फ एक शव के साथ ही जहर की शीशी मिली थी. सुसाइड नोट्स की भी जांच करने पर भी पुलिस को लगा कि कुछ गड़बड़ है. क्योंकि आमतौर पर सुसाइड नोट में व्यक्ति पहले कारण लिखता है और फिर लोगों को दोषी ठहराता है. जबकि इस मामले में देखा गया कि कुछ लोगों के नाम सुसाइड नोट की शुरुआत में ही लिख दिए गए थे. साथ ही इस बात का भी कहीं जिक्र नहीं किया गया था कि परिवार खुदकुशी करना चाहता था.

इससे साफ़ लगा कि आरोपी तांत्रिक अब्बास ने दोनों भाइयों को किसी बहाने से उन साहूकारों के नाम लिखने के लिए गुमराह किया होगा, जिनसे उन्होंने कर्ज लिया था. तांत्रिक ने ऐसा इसलिए किया जिससे इस मामले को सामूहिक आत्महत्या की तरह दिखाया जा सके.