महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सरकार आए तीन महीने से कुछ थोड़ा ही ज्यादा समय गुजरा है और शिंदे गुट के विधायकों में अनबन की ख़बरें आने लगी हैं. जन प्रहार शक्ति (JPS) पार्टी के MLA बच्चू कडू और निर्दलीय विधायक रवि राणा के बीच की अनबन. रवि राणा ने आरोप लगाए हैं कि कडू ने महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन से समर्थन खींचने और शिंदे के पाले आने के लिए 50 करोड़ रुपये लिए.
निर्दलीय विधायक छोड़ देंगे शिंदे का साथ? बच्चू कडू पर रवि राणा के आरोप से बवाल हो गया है!
बच्चू कडू ने कहा है कि शिंदे और फडणवीस दें राणा के आरोपों पर सफाई. नहीं तो वो और आठ दूसरे विधायक तय करेंगे कि आगे क्या करना है.

बच्चू कडू अमरावती ज़िले की अचलापुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, कडू ने तब के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार का समर्थन किया था. उन्हें राज्य मंत्री भी बनाया गया था. फिर इस साल जून में, जब शिंदे ने विद्रोह किया, अपना नया मोर्चा बना लिया, तो कडू ने पाला बदल लिया. जो 50 विधायक शिंदे का समर्थन करने के लिए गुवाहाटी गए थे, कडू उनमें शामिल थे.
‘सफाई दो, नहीं तो…’कडू और राणा दोनों ही शिंदे के समर्थन में हैं. बावजूद इसके, दोनों 'भिड़' गए हैं. और, इस भिड़ंत में अब मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी खींच लिए गए हैं.
सबसे पहले रवि राणा ने आरोप लगाया, "कडू ने MVA छोड़ने और शिंदे खेमे में शामिल होने के लिए 50 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी."
इसके जवाब में कडू ने सीधे CM और डिप्टी CM को अल्टीमेटम दे डाला. कहा कि शिंदे और फडणवीस तथ्यों के साथ सफ़ाई दें. उनका बचाव करें. बच्चू कडू ने कहा,
"राणा शिंदे सेना का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने मेरी छवि खराब करने के लिए मुझपर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. और, ये आरोप मेरे ख़िलाफ़ नहीं हैं. राणा के आरोप मुख्यमंत्री शिंदे जी और उपमुख्यमंत्री फडणवीस जी के ख़िलाफ हैं. लोग तो CM और डिप्टी CM से सवाल करेंगे कि क्या उन्होंने सरकार बनाने के लिए हर बागी विधायक को 50 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी? इसलिए CM और डिप्टी CM को सामने आकर सही तथ्य पेश करने चाहिए.
नहीं तो मुझे एक नवंबर तक कोई कार्रवाई करनी पड़ेगी. आठ और विधायक हैं, जो रिश्वत के इन आरोपों से नाराज़ हैं. हम मिलकर तय करेंगे कि आगे क्या करना है."
ये पहली बार नहीं है, जब दोनों किसी सार्वजनिक विवाद में पड़े हैं. दोनों ने पहले भी एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं. महाराष्ट्र भाजपा के महासचिव रविंद्र भुसारी ने एक बयान में कहा कि CM और डिप्टी CM को इस तरह घसीटना बेमतलब है. राणा और कडू के बीच की राजनीतिक तनातनी के बारे में सब जानते हैं. दोनों हमेशा एक दूसरे के विरोध मे रहे हैं.
शिंदे 50 विधायकों के साथ बालासाहेबंची शिवसेना का नेतृत्व कर रहे हैं. इनमें से 10 विधायक छोटे दलों के और निर्दलीय हैं. कडू का ये अल्टीमेटम शिंदे खेमे में अस्थिरता ला सकता है. हालांकि, भाजपा नेता इसे बड़ा विवाद नहीं मान रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, कुछ भाजपा नेताओं ने कहा है कि कडू और राणा की लड़ाई ज़िले की राजनीति तक ही सीमित है. इससे शिंदे-फडणवीस सरकार को कोई ख़तरा नहीं है.
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