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10 महीनों में दो हजार किसानों ने की खुदकुशी, महाराष्ट्र विधानसभा में सामने आया डराने वाला आंकड़ा

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या पर हुए सवाल के लिखित जवाब में राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल भाईदास पाटिल ने इस बारे में जानकारी दी है.

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महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बारे में कांग्रेस विधायक कुणाल पाटिल ने विधानसभा में सवाल किया था. (फोटो क्रेडिट - प्रतीकात्मक तस्वीर)

महाराष्ट्र में पिछले 10 महीने में 2 हजार से भी ज्यादा किसानों ने आत्महत्या (Farmers Suicide) कर ली. महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास मंत्री अनिल भाईदास पाटिल ने विधानसभा में इस बारे में जानकारी दी. उनसे राज्य में किसानों की आत्महत्या पर सवाल किया गया था. इसके जवाब में उन्होंने 14 दिसंबर को इस बारे में विस्तार से बताया.

किसान तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल भाईदास पाटिल ने बताया कि जनवरी से अक्टूबर 2023 के बीच राज्य में 2,366 किसानों ने आत्महत्या कर ली. इसमें सबसे ज्यादा नंबर अमरावती राजस्व मंडल से है. इन 10 महीनों में यहां के 951 किसानों ने अपनी जान दे दी. इसके बाद, दूसरे नंबर पर छत्रपति संभाजीनगर मंडल में 877 किसानों ने आत्महत्या की.

इसके बाद तीसरे नंबर पर नागपुर मंडल है. यहां के 257 किसानों ने आत्महत्या की. वहीं, नासिक मंडल के 254 और पुणे के 27 किसानों ने खुद की जान ले ली. पाटिल ने ये भी बताया कि राज्य सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को 1 लाख रुपये की वित्तीय मदद करती है.

करीब 1 लाख किसानों को नहीं मिली मदद?

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या पर कांग्रेस के विधायक कुणाल पाटिल ने सवाल किया था. इसके लिखित जवाब में भाईदास पाटिल ने ये जानकारी सबके सामने रखी. दूसरी तरफ, राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने 14 दिसंबर को बताया कि महाराष्ट्र में कम से कम 96,811 किसानों को 'नमो शेतकारी महा सम्मान निधि योजना' के तहत मदद नहीं मिल सकी है.

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मुंडे ने बताया कि क्योंकि इन किसानों के बैंक खाते और आधार नंबर लिंक नहीं थे, इसके चलते उन्हें योजना से नहीं जोड़ा जा सका. महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार की 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' की तरह राज्य के किसानों की वित्तीय मदद के लिए इस योजना की शुरुआत की है.

मुंडे ने ये भी बताया कि किसानों के बैंक खातों को आधार नंबरों से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. इस बारे में AIMIM के विधायक मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल अब्दुल खालिक ने सवाल किया था.

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