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महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, BJP सांसद समेत 4 नेता सचिवालय की बिल्डिंग से कूद गए

डिप्टी स्पीकर और तीन अन्य नेताओं ने धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए मंत्रालय से कूदने का फैसला किया.

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धनगर समुदाय वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कैटेगरी में है. (फोटो- PTI)

महाराष्ट्र में राज्य सचिवालय से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई. 4 अक्टूबर को राज्य विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल और तीन अन्य नेताओं ने सचिवालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी (Maharashtra Deputy Speaker Jumps Off). ये सभी एक समुदाय को अनुसूचित जनजाति की कैटेगरी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे थे. हालांकि, चारों दूसरी मंजिल पर लगे एक जाल पर जाकर गिरे, जिससे उनकी जान बच गई.

डिप्टी स्पीकर जिरवाल और छलांग वाले तीन नेताओं में से एक भाजपा के सांसद हैं. सभी सुरक्षित रूप से एक मंजिल नीचे लगे एक जाल पर जाकर गिरे. एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सचिवालय में ये जाल 2018 में आत्महत्या के प्रयासों को रोकने के लिए लगाया गया था.

जिरवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट के नेता हैं. उन्होंने और तीन अन्य नेताओं ने धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए मंत्रालय से कूदने का फैसला किया. धनगर समुदाय को ST कैटेगरी में शामिल करने को लेकर सरकार कथित तौर पर विचार कर रही है. घटना के बाद अधिकारियों ने बताया कि चारों में से किसी को भी कोई चोट नहीं आई है. घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में इन सभी को गिरने के बाद बिल्डिंग के ऊपर चढ़ते देखा जा रहा है.  

घटना से पहले कुछ आदिवासी विधायकों ने मंत्रालय परिसर में कैबिनेट बैठक के दौरान विरोध प्रदर्शन किया. बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार व देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य नेता शामिल हुए थे. 

बता दें कि राज्य में धनगर समुदाय वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कैटेगरी में है. समुदाय के कुछ सदस्य ST श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग को लेकर सोलापुर जिले के पंढरपुर में आंदोलन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनका समुदाय धनगड़ समुदाय के समान ही है, जिन्हें कई राज्यों में अनुसूचित जनजातियों के रूप में लिस्ट किया गया है.

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