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जिस 'नकली कब्र' और वीडियो के कारण हुई नागपुर हिंसा, CM फडणवीस ने उस बारे में सब बताया

महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा को लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि महाराष्ट्र में कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है.

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नागपुर पर हिंसा पर देवेंद्र फडणवीस

नागपुर हिंसा (Nagpur Violence) पर सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि पुलिस पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. उन्होंने ये बात विधानसभा में कहीं. फडणवीस ने कहा कि ‘छावा’ फिल्म ने औरंगजेब (Aurangzeb) के खिलाफ लोगों के गुस्से को भड़का दिया है. फिर भी सभी को महाराष्ट्र में शांति बनाए रखनी चाहिए. फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों ने पुलिस पर हमले किए हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह एक सुनियोजित हमला लगता है.

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एनडीटीवी मराठी की रिपोर्ट के मुताबिक, देवेन्द्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है. उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे नागपुर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 'औरंगजेब की कब्र हटाओ' के नारे के साथ प्रदर्शनकारियों ने घास-फूस की एक सांकेतिक कब्र बनाकर उसे जला दिया. इसके बाद गणेशपेठ पुलिस ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किया.

धार्मिक सामग्री जलाने की अफवाह

सीएम ने आगे बताया कि बाद में यह अफवाह फैली कि जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया था, उस पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिह्न बना था. इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गई, जिसने जमकर नारेबाजी की. भालदारपुरा इलाके में शाम साढ़े 7 बजे 80-100 लोगों की भीड़ जमा हो गई. भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इनमें 3 डिप्टी कमिश्नर रैंक के पुलिस अधिकारी हैं. एक अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया.

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फडणवीस ने आगे बताया कि हिंसा में 5 आम नागरिक भी घायल हुए हैं. इस संबंध में कुल 5 मामले दर्ज किए गए हैं. 11 थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. कई इलाकों में नाकाबंदी लागू है. विभिन्न इलाकों में एसआरपीएफ की 5 टुकड़ियां तैनात की गई हैं. सीएम ने कहा कि मौके पर ट्रॉली भर पत्थर और हथियार मिले हैं. कुछ घरों को भी निशाना बनाया गया है. ऐसा लगता है कि यह एक सुनियोजित हमला है. जब पुलिस शांति कायम कर रही थी तो हमला करना गलत है.

सीएम ने आगे कहा, 

छावा फिल्म ने छत्रपति संभाजी महाराज के वास्तविक इतिहास को सबके सामने ला दिया था. इसके बाद लोगों की भावनाएं भड़क उठी हैं. औरंगजेब पर गुस्सा भी निकल रहा है. लेकिन राज्य में कानून-व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए सभी को संयम बरतना चाहिए. 

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बता दें कि सोमवार की शाम सबसे पहले नागपुर के महाल इलाके में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस दौरान दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया. फिर बाद में हंसपुरी इलाके में भी हिंसा की खबर आई. यहां भी उपद्रवियों के निशाने पर दुकान और घर थे. पुलिस ने बताया कि उग्र भीड़ ने करीब 25 बाइक और 3 कारों को आग के हवाले कर दिया. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा में 20 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं. 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है. साथ ही शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

नागपुर में यह हिंसा संभाजीनगर में औरंगजेब के मकबरे को लेकर जारी विवाद के बीच हुई है. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने औरंगजेब के मकबरे को ध्वस्त करने की मांग की थी. इसे लेकर नागपुर में भी प्रोटेस्ट हुए थे. इसके कुछ ही घंटों बाद हिंसा हुई है. नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र सिंघल ने बताया कि हिंसा सोमवार की रात 8 से साढ़े 8 बजे के बीच हुई. पत्थरबाजी की घटनाएं भी रिपोर्ट की गई हैं. और हिंसा की मुख्य वजह रही कुरान जलाए जाने का अफवाह. 

वीडियो: नागपुर हिंसा के दौरान क्या हुआ? चश्मदीदों ने कैमरे पर बताया है!

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