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बच्चा खेलते हुए बस में चढ़ा, लापता हुआ, QR कोड वाले लॉकेट ने मां-बाप से मिला दिया

मामला मुंबई के वर्ली इलाक़े का है. जहां Mumbai Police ने QR Code के जरिए बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाया.

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क्यूआर कोड के जरिए माता-पिता से मिला बच्चा. (फ़ोटो - आजतक)

मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने एक 12 साल के लड़के को उसके माता-पिता से क्यूआर कोड (QR Code ) के जरिए मिलाया है. घटना कोलाबा थाना क्षेत्र की है. बच्चा मानसिक रूप से विकलांग है. वो खेलते हुए बस में चढ़ गया था और भटक गया था. जब कंडक्टर को इसके बारे में पता चला, तो उसने पुलिस को ख़बर दी. बाद में पुलिस बस स्टैंड पहुंची और बच्चे को अपने पास लिया. फिर उसके गले में लॉकेट के क्यूआर कोड को स्कैन किया, जिससे उसके घर का पता चल सका.

मामले की जानकारी देते हुए कोलाबा थाना पुलिस ने बताया कि लड़के की पहचान विनायक कोली के रूप में हुई है. विनायक वर्ली इलाके से खेलते-खेलते बस में बैठ गया और बस में ही निकल पड़ा. बाद में कंडक्टर ने पुलिस से संपर्क किया. कोलाबा पुलिस ने आगे बताया कि लड़का वर्ली से दोपहर 3 बजे लापता हुआ था. पुलिस की टीम ने उसे रात 8 बजे के करीब खोज लिया. वो म्यूज़ियम बस स्टॉप के पास था.

पुलिस ने बताया कि लड़का जिस बस में था, उसके कंडक्टर ने 100 नंबर पर डायल किया. कंडक्टर ने बताया कि एक बच्चा बस में बैठा है, जो मानसिक रूप से विकलांग है. वो सिर्फ़ अपना नाम बता पा रहा है. ख़बर मिलने पर पुलिस उसके पास पहुंची और बच्चे को पुलिस स्टेशन ले गई. इसके बाद जब पुलिस ने उसके लॉकेट में क्यूआर कोड लगा देखा, तो उसे स्कैन किया. लॉकेट के क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उसके माता-पिता का पता मिला. इसके बाद उसके माता-पिता से संपर्क किया गया.

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आजतक से जुड़े देव अमीश कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक़, लॉकेट के बारे में डेटा इंजीनियर अक्षय रिडलान ने बताया कि अपने बच्चे को ऐसी ही किसी आपात स्थिति से बचाने के लिए, उन्होंने बच्चे के गले में ये क्यूआर कोड वाला लॉकेट डाला था. जिस पर उनकी तमाम डिटेल मौजूद थी. 

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