The Lallantop

ट्रंप के कट्टर समर्थकों से हो गई मस्क की लड़ाई, रामास्वामी की भी एंट्री, वजह भारतीय हैं

Elon Musk और Laura Loomer आपस में भिड़ गए हैं. इस बीच, Vivek Ramaswamy ने भी कुछ कह दिया, जिसे लेकर विवाद हो रहा है. आख़िर ट्रंप समर्थकों के बीच चल क्या रहा है?

post-main-image
MAGA यानी 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' समर्थकों ने एलन मस्क का ही विरोध कर दिया. (फ़ोटो - रॉयटर्स/इंडिया टुडे)

अमेरिकी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) विभाग के नए प्रमुख श्रीराम कृष्णन (Sriram Krishnan), ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ (MAGA) और विवेक रामास्वामी का ‘अमेरिकी संस्कृति का औसत दर्जे की तरफ़ बढ़ना’ वाला कॉमेंट. ये सब कीवर्ड्स बन गए हैं अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति के समर्थकों के बीच आपसी मतभेद के. ऐसा मतभेद, जिसमें दुनिया के सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क और विवेक रामास्वामी एक तरफ़, तो लॉरा लूमर और मैट गेट्ज़ जैसे ट्रंप के दिग्गज समर्थक दूसरी तरफ़ नज़र आ रहे हैं (Elon Musk vs Laura Loomer). आइए पूरा विवाद समझते हैं.

इस विवाद में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी, ट्रंप के कट्टर समर्थकों के ख़िलाफ़ नज़र आ रहे हैं. विवाद के केंद्र में है, आप्रवासी यानी बाहर से आए अमेरिकियों को कितनी प्राथमिकता दी जाए, इसकी बहस. मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ यानी MAGA कैंपेन के समर्थकों का कहना है कि एलन मस्क और विवेक रामास्वामी आप्रवासियों के समर्थन यानी ट्रंप के नीतियों के विरोध में हैं.

दरअसल, डॉनल्ड ट्रंप ने वॉइट हाउस में AI के लिए श्रीराम कृष्णन को सीनियर पॉलिसी एडवाइज़र के तौर पर नियुक्त किया है. कृष्णन, चेन्नई में जन्में भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर हैं. लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद अमेरिकी लोगों को प्राथमिकता देने की बात कहने वालों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लॉरा लूमर और अमेरिकी कांग्रेस के पूर्व सदस्य मैट गेट्ज़ ने इस नियुक्ति का विरोध किया है. लॉरा लूमर ने श्रीराम कृष्णन के सलाहकार के रूप में नियुक्ति को ‘बेहद परेशान करने वाला’ बताया. लॉरा ने श्रीराम कृष्णन के एक पुराने पोस्ट को लेकर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कुशल श्रमिकों के लिए वीजा और ग्रीन कार्ड के विस्तार का समर्थन किया था. उन्होंने इसे डॉनल्ड ट्रंप के एजेंडे का ‘सीधा विरोध’ बताया.

laura
लॉरा लूमर ने श्रीराम कृष्णन की आलोचना की.

दरअसल, लॉरा लूमर उस लॉबी की मेंबर मानी जाती हैं, जो अमेरिका में ‘बाहरी लोगों’ का विरोध करती हैं. लेकिन उनके इस पोस्ट का एलन मस्क ने विरोध किया. मस्क डॉनल्ड ट्रंप के बड़े प्रभावशाली समर्थकों में से एक हैं. वो ख़ुद दक्षिण अफ़्रीका से आए आप्रवासी हैं. मस्क ने लॉरा लूमर के विरोध में लिखा,

अमेरिका में बेहतर इंजीनियरिंग टैलेंट की परमानेंट कमी है. ये सिलिकॉन वैली को सीमित कर देने का मूलभूत कारण है.

बाद में उन्होंने एक और पोस्ट किया और लिखा,

आप क्या चाहते हैं, अमेरिका जीते या हारे? अगर आप दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रतिभाओं को दूसरी तरफ जाने के लिए मजबूर करेंगे, तो अमेरिका हार जाएगा. बात यहीं आकर खत्म होती है.

musk
मस्क का पोस्ट.
musk
अमेरिका जीतेगा या हारेगा.

एलन मस्क का विवेक रामास्वामी ने भी समर्थन किया. साथ ही, एक लंबा पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कुछ ऐसी बातें लिख दीं, जिन पर विवाद छिड़ गया. उन्होंने लिखा,

कुशल विदेशी लोगों के बिना अमेरिका का पतन निश्चित है. अमेरिकी संस्कृति औसत दर्जे की तरफ़ बढ़ रही है. टॉप टेक कंपनियां अक्सर 'मूल' अमेरिकियों की तुलना में विदेश में जन्मे और पहली पीढ़ी के इंजीनियरों को नौकरी पर रखती हैं. इसका कारण जन्मजात अमेरिकियों की IQ कमी नहीं है. बल्कि इसके कारणों में एक है सी-शब्द पर आधारित: संस्कृति.

ये भी पढ़ें - मस्क अड़े रहे, जज तने रहे! ब्राजील में X के बंद की पूरी कहानी

बता दें, ट्रंप के अगले कार्यकाल में एलन मस्क और विवेक रामास्वामी मिलकर एक मंत्रालय का कार्यभार संभालेंगे. इसे 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफ़ीशियंसी' (Department Of Government Efficiency) नाम से जाना जाएगा. ट्रंप के 'Save America' मूवमेंट के तहत ये दोनों सरकारी नौकरशाही को कम करने, गैर ज़रूरी खर्चो में कटौती करने और फेडरल एजेंसियों को नए सिरे से बनाने का काम करेंगे. उन्होंने आगे लिखा,

हमारी अमेरिकी संस्कृति ने बहुत लंबे समय से ‘उत्कृष्टता’ की तुलना में ‘सामान्यता’ को महत्व दिया है. इसकी शुरुआत कॉलेज में नहीं, बल्कि युवावस्था में ही हो जाती है. तकनीकी प्रतिभा के लिए एक अति-प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में 'सामान्यता' काम नहीं करती है. अगर हम ऐसा करते हैं, तो चीन हमें बुरी तरह से हरा देगा.

vivek
विवेक रामास्वामी का पोस्ट.

विवेक रामास्वामी की अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने ख़ूब आलोचना की. इसका नेतृत्व किया लॉरा लूमर ने. उन्होंने लिखा,

विवेक रामास्वामी जानते हैं कि ग्रेट रिप्लेसमेंट वास्तविक है. मूल MAGA नीतियों को अपनाना, भारतीयों के खिलाफ नस्लवादी नहीं है, जिसके लिए मैंने वोट दिया था. मैंने H1B वीज़ा में कमी के लिए वोट दिया था. विस्तार के लिए नहीं. अगर भारत इतना हाई स्किल्ड होता, तो लोग अमेरिका जाने के बजाय वहीं रहते. आपको तो ये भी नहीं पता कि MAGA की इमिग्रेशन पॉलिसी क्या है.

laura post
लॉरा लूमर ने विवेक रामास्वामी का विरोध किया.

लॉरा लूमर ने ये भी लिखा,

मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि मुझे ऐसे लोग ‘नस्लवादी’ कहें, जो अमेरिकी कामगारों के सर्वोत्तम हित के बारे में नहीं सोचते. बस मान लें कि आप सस्ते दामों में मजदूर चाहते हैं. 

ट्रम्प समर्थक पॉडकास्टर ब्रेंडन डिले ने भी विवेक रामास्वामी की आलोचना की और लिखा,

मुझे हमेशा अच्छा लगता है जब ये तकनीकी भाई आपसे साफ-साफ कहते हैं कि उन्हें अमेरिकी संस्कृति की कोई समझ नहीं है. फिर वो आपसे ये कहने की हिम्मत करते हैं कि अमेरिका के साथ समस्या आप ही हैं.

brandon
ब्रेंडन डिले ने रामास्वामी का विरोध किया.

विवेक रामास्वामी का विरोध करने वालों में निक्की हेली भी शामिल रहीं. निक्की रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व राष्ट्रपति पद की दावेदार और ट्रंप की आलोचक मानी जाती रही हैं. उनके माता-पिता भी भारतीय अप्रवासी थे. उन्होंने पोस्ट किया,

अमेरिकी संस्कृति में कुछ भी गलत नहीं है. आपको बस सीमा पर देखना है और देखना है कि हमारे पास जो है, उसे कितने लोग चाहते हैं. हमें अमेरिकियों में निवेश करना चाहिए और उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि विदेशी श्रमिकों को.

nikky
निक्की हेली का पोस्ट.

इमिग्रेशन, MAGA और अमेरिकी या भारतीय कामगारों को लेकर ये पूरी लड़ाई ख़ुद ट्रंप समर्थकों के बीच मची है. इस पर फाउंडेशन फॉर अमेरिकन इनोवेशन के सीनियर अर्थशास्त्री सैमुअल हैमंड का कहना है कि ये लड़ाई ट्रम्प प्रशासन के भीतर भविष्य के संघर्ष की संभावना को दर्शाता है. यानी ये भविष्य के संघर्षों का संकेत है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: डॉनल्ड ट्रंप भारत के लिए क्या समस्या लेकर आ रहे हैं?