मध्यप्रदेश के नये मुख्यमंत्री मोहन यादव (MP CM Mohan Yadav) ने शपथ लेकर काम शुरू कर दिया है. और उनके पहले कामों में से एक था - धर्मस्थलों और अन्य जगहों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाना (MP loudspeaker ban). ये प्रतिबंध नियम के खिलाफ तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकरों के लिए है. 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद मोहन यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की. इसी बैठक में ये फैसला भी लिया गया.
मप्र के नये CM ने काम शुरू किया - तेज़ लाउडस्पीकरों पर रोक, खुले में मांस बिकना बंद होगा
कुछ फैसले शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी लिये गये हैं.

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लाउडस्पीकर पर जारी आदेश में क्या कहा गया है?इस संबंध में जारी किए गए प्रेस नोट में लिखा है,
“किसी भी तरह के धार्मिक स्थल या दूसरी जगहों पर निर्धारित मापदंड के मुताबिक ही लाउडस्पीकर या डीजे वगैरह का इस्तेमाल हो सकेगा. लाउडस्पीकर और दूसरे माइक वाले यंत्रों का नियम के खिलाफ बिना मंजूरी तेज आवाज में इस्तेमाल पूरी तरह से बैन किया गया है.”
इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की ओर से समय-समय जारी किए गए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है. साथ ही, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों का जिक्र किया गया है.
ध्वनि प्रदूषण अधिनियम, 2000 के तहत औद्योगिक, कर्मशियल, रिहायशी और शांत क्षेत्र में दिन और रात के समय ध्वनि की अधिकतम तीव्रता तय की गई है.
क्षेत्र | दिन (डेसिबल में ध्वनि की सीमा) | रात (डेसिबल में ध्वनि की सीमा) |
औद्योगिक क्षेत्र | 75 | 70 |
कमर्शियल क्षेत्र | 65 | 55 |
रिहायशी क्षेत्र | 55 | 45 |
शांत क्षेत्र | 50 | 40 |
इस आदेश के मुताबिक मध्यप्रदेश में जिन धार्मिक और सार्वजनिक जगहों पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होता है, उन जगहों का औचक निरीक्षण होगा. ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों की जांच होगी. तीन दिन के अंदर संबंधित अधिकारी को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी. ये भी जानकारी दी गई है कि धर्मगुरुओं से बात कर लाउडस्पीकरों को हटाने की कोशिश की जाएगी.
CM मोहन यादव ने और क्या फैसले लिए हैं?13 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक के बाद शाम को CM मोहन यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बैठक में लिए गए तमाम फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि खुले में मांस की दुकान चलाने को लेकर फूड सेफ्टी के नियम लागू करने के लिए कैबिनेट में तैयारी करने को कहा गया है.
वहीं शिक्षा से जुड़े कई फैसले लिए गए हैं. इसके तहत हर जिले में युवाओं के लिए एक्सिलेंस कॉलेज बनाने और डिग्री-मार्कशीट के लिए डिजीलॉकर शुरू कराना शामिल है. वहीं क्राइम पर कंट्रोल करने के लिए आदतन अपराधियों की जमानत रद्द किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.
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