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हरदा हादसा: पुलिस ने 3 को हिरासत में लिया, फैक्ट्री संचालक के अलावा बाकी 2 लोग कौन हैं?

हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में पुलिस ने तीन लोगों को पकड़ा है. फैक्ट्री संचालक राजीव अग्रवाल, उनके बेटे सोमेश अग्रवाल और ड्राइवर रफीक को पुलिस ने मध्यप्रदेश के सारंगपुर में घेराबंदी कर हिरासत में ले लिया.

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हरदा के फैक्ट्री में हुए ब्लॉस्ट में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया. (तस्वीर: PTI)

मध्यप्रदेश पुलिस ने हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में तीन लोगों को हिरासत लिया है. इनमें फैक्ट्री संचालक राजीव अग्रवाल, उनका बेटा सोमेश अग्रवाल और ड्राइवर रफीक शामिल हैं. पुलिस ने सारंगपुर में घेराबंदी करके तीनों को पकड़ा है. उसके मुताबिक, घटना के बाद से तीनों आरोपी दिल्ली फरार होने की फिराक में थे. इस बीच विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो चुकी है.

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, फैक्ट्री संचालक राजीव अग्रवाल हादसे के बाद अपने बेटे सोमेश के साथ वेन्यू कार से उज्जैन से दिल्ली के लिए निकले थे. सांगरपुर एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश और दिल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुलिस ने रात करीब 9 बजे तीनों को सांगरपुर में हिरासत कर लिया. आरोपियों को भोपाल आईजी के निर्देश पर हरदा भेजा गया है. तीनों को आईपीसी की धारा 304, 308, 34 और धारा 3 विस्फोटक अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है.

फैक्ट्री ने सुरक्षा मानकों को तोड़ा

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हादसे के वक्त फैक्ट्री में कई लोग मौजूद थे. रेस्क्यू के लिए SDRF की टीम मौके पर पहुंची. तब तक कई लोग फैक्ट्री के अंदर फंस चुके थे. घायलों की संख्या 100 के पार बताई जा रही है. हादसे का वीडियो भी सामने आया है.

हादसा कितना भयानक था ये इस बात से समझा जा सकता है कि फैक्ट्री में एक के बाद एक कई ब्लास्ट हुए. धमाके में आस-पास के कई घर भी चपेट में आ गए. प्रशासन ने ऐहतियातन आस-पास के 100 घर खाली करा लिए. ब्लास्ट की आवाज़ 20 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. पटाखा फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों को तोड़ा गया. फैक्ट्री के पास लाइसेंस नहीं था और आग लगने की स्थिति में सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं थे.

पीड़ितों की मदद के लिए सरकार का ऐलान

फैक्ट्री में हुए हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन ने राहत-बचाव का कार्य शुरू कर दिया. मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे. घायलों को 50-50 हज़ार रुपये दिए जाएंगे. सीएम मोहन यादव ने इस बारे में बताया कि घायलों के इलाज का खर्च और उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च सरकार उठाएगी.