मध्यप्रदेश में सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में नई सरकार बनते ही बुलडोजर कार्रवाई फिर शुरू हो गई है (MP government orders bulldozer action). सरकार ने एक कथित बीजेपी कार्यकर्ता पर हमला करने वाले के घर पर बुलडोजर चलाया है.
मोहन यादव सरकार में भी बुलडोजर एक्शन, BJP कार्यकर्ता पर हमला करने वाले का घर गिराया
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 5 दिसंबर को आरोपी फारुख ने बीजेपी कार्यकर्ता देवेंद्र ठाकुर पर जानलेवा हमला किया था. हमले में उसकी हथेली कट गई थी.

इंडिया टुडे के रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक फारुख राइन उर्फ मिन्नी नाम के शख्स पर बीजेपी कार्यकर्ता का हाथ काटने का आरोप है. इसी मामले में प्रशासन ने मिन्नी के घर पर बुलडोजर चला दिया. आरोपी का ये घर भोपाल स्थित जनता कॉलोनी में बना है.
रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 5 दिसंबर को आरोपी फारुख ने बीजेपी कार्यकर्ता देवेंद्र ठाकुर पर कथित तौर पर जानलेवा हमला किया था. हमले में देवेंद्र की हथेली कट गई थी. उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भी बीजेपी कार्यकर्ता से उसका हाल जानने अस्पताल पहुंचे थे.
जानकारी के अनुसार आरोपी फारुख हबीबगंज पुलिस की गुंडा लिस्ट में शामिल है. उसके ऊपर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में पुलिस पहले ही पांच आरोपियों फारुख राइन, असलम, शाहरुख, बिलाल और समीर को गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों के बीच चुनाव प्रचार के समय से रंजिश चल रही थी.
लाउडस्पीकर बैनइससे पहले सीएम मोहन यादव ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले धार्मिक स्थलों और अन्य जगहों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया था. प्रतिबंध उन लाउडस्पीकर्स पर लगाया गया जो नियमों के खिलाफ बजाए जाते थे. सीएम ने 13 दिसंबर को कैबिनेट की पहली मीटिंग में ये फैसला लिया था. इस संबंध में जारी किए गए प्रेस नोट में लिखा गया,
“किसी भी तरह के धार्मिक स्थल या दूसरी जगहों पर निर्धारित मापदंड के मुताबिक ही लाउडस्पीकर या डीजे वगैरह का इस्तेमाल हो सकेगा. लाउडस्पीकर और दूसरे माइक वाले यंत्रों का नियम के खिलाफ बिना मंजूरी तेज आवाज में इस्तेमाल पूरी तरह से बैन किया गया है.”
सरकार ने आदेश में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की ओर से समय-समय जारी किए गए दिशा-निर्देशों का हवाला दिया. साथ ही, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों का जिक्र किया.
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