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हिरासत में दलित की मौत हुई, चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR, मायावती ने उठाए सवाल

UP News: मृतक के परिवार वालों का कहना है कि वो Ambedkar Park में बैठा था, तभी पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और गौतम की पिटाई और गाली-गलौज शुरू कर दी. वहीं, पुलिस का कहना है कि जुआ खेलने की ख़बर मिलने के बाद पुलिस ने छापेमारी की थी. पुलिस ने आगे क्या बताया?

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पुलिस की प्रतीकात्मक तस्वीर(बाएं), मायावती(दाएं). (फ़ोटो - PTI)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में दलित व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत के बाद, मामले में चार पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई है (Dalit man death FIR against 4 policemen) मृतक के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. हालांकि, पुलिस ने इस आरोप का खंडन किया है. पुलिस का कहना कि व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हुई है. इस बीच, आज़ाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद और समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की. वहीं, मायावती ने भी दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.

पुलिस ने बताया कि जुए के अड्डे पर छापेमारी के दौरान 24 साल के अमन गौतम को गिरफ़्तार किया गया था. इसी दौरान, 11 अक्टूबर को उसकी तबीयत बिगड़ी, फिर मौत हो गई. इसे लेकर अमन के परिवार ने शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के आधार पर कॉन्स्टेबल शैलेन्द्र सिंह और तीन अन्य पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, अपनी शिकायत में अमन गौतम की पत्नी रोशनी ने आरोप लगाया कि 11 अक्टूबर की रात को उनके पति विकास नगर स्थित अंबेडकर पार्क में बैठे थे. तभी पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और गौतम के साथ मारपीट और गाली-गलौज शुरू कर दी.

आरोप है कि मार खाने की वजह से गौतम बेहोश हो गया और पुलिस उसे अस्पताल ले गई. जहां उसकी मौत हो गई. मृतक की पत्नी रोशनी ने हेड कॉन्स्टेबल शैलेन्द्र सिंह के ऊपर आरोप लगाते हुए उसे घटना का मुख्य कसूरवार ठहराया है. घटना से नाराज़ परिवार और अन्य लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया. खबर लिखे जाने तक घरवालों ने दोषी पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, विकास नगर थाना प्रभारी विपिन सिंह ने बताया भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और SC/ST एक्ट के तहत हेड FIR दर्ज की गई है.

वहीं, पुलिस ने दावा किया कि जुआ खेलने की ख़बर मिलने के बाद पुलिस ने छापेमारी की थी. ADCP जितेंद्र कुमार दुबे ने PTI को बताया,

अमन गौतम समेत दो लोगों को पकड़कर हिरासत में लिया गया. थाने ले जाते समय गौतम की हालत बिगड़ गई. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

एक पुलिस बयान में कहा गया,

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं पाए गए और मौत का कारण दिल का दौरा (कार्डियोजेनिक शॉक) पाया गया.

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राजनीति गरमाई

चंद्रशेखर आज़ाद और आरके चौधरी के साथ सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया भी पीड़ित अमन के परिवार से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान चंद्रशेखर ने मृतक के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे और दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की मांग की. आरके चौधरी ने भी उनकी मांगों को दोहराया है. BSP सुप्रीमो मायावती ने भी इसे लेकर X पर एक पोस्ट में लिखा,

पुलिस की बर्बरता से हुई ये मौत की घटना दुखद है. लोगों में रोष व्याप्त. सरकार दोषी पुलिस वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे.

वहीं, मायावती ने सरकार से पीड़ित परिवार की मदद करने की मांग भी की है.

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