भारतीय सेना की राजपूत रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कटियार को पश्चिमी कमान के अगले प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. भारतीय सेना की पश्चिमी कमान हरियाणा के चण्डीमन्दिर में स्थित है. इसका गठन 1920 में किया गया था. मनोज फिलहाल सैन्य अभियान के महानिदेशक हैं. उन्होंने 1 मई 2022 को ये कार्यभार संभाला था. अब उन्हें पश्चिमी कमांड का ज़िम्मा सौंपा गया है.
कौन हैं मनोज कटियार, जिन्हें पश्चिमी कमांड का अगला प्रमुख चुना गया है?
मनोज फिलहाल सैन्य अभियान के महानिदेशक हैं. उन्होंने 1 मई 2022 को ये कार्यभार संभाला था. अब उन्हें पश्चिमी कमांड का ज़िम्मा सौंपा गया है.
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इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत नेगी की रिपोर्ट के मुताबिक मनोज 1 जुलाई से अपना नया पदभार संभालेंगे. 1 नवंबर 2021 से लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी इस पद पर कार्यरत हैं. खंडूरी सेवा-निवृत्त होने वाले हैं और उनकी जगह मनोज को चुना गया है. मनोज एयर आर्मी डिफेंस कॉर्प्स के पहले ऑफिसर हैं जिन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है.
1920 में पश्चिमी कमांड को बनाने के बाद 1938 में इसका विलय उत्तरी कमांड के साथ कर दिया गया था. 1947 में उत्तरी कमांड का मुख्यालय पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. जिसके बाद पश्चिमी कमांड को फिर से शुरू किया गया. तब से ये दोबारा सक्रिय हुआ है और पाकिस्तान और उत्तरी चीनी सीमा की रखवाली करता रहा है.
कौन हैं मनोज कटियार?
मनोज कटियार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी यानी NDA के छात्र रहे हैं. वो इंडिया आर्मी की मिलट्री फॉर्मैशन ‘1 कॉर्प्स’ के कमांडिग ऑफिसर रह चुके हैं. इस ग्रुप का काम पाकिस्तान और चीन के खिलाफ आक्रामक मिशन चलाना था. मनोज कटियार को 1986 में राजपूत रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में कमीशन दिया गया था. बाद में उन्होंने जम्मू और कश्मीर में सीमा पर अपने रेजिमेंट की कमान संभाली. उन्होंने अमेरिका के नेशनल वॉर कॉलेज से ग्रेजुएशन भी किया है.
मनोज तीन दशकों से ज्यादा समय से आर्मी में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं. उनकी जगह सैन्य अभियान का नया महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा को बनाया गया है. वो भी तीन दशक से भी लंबे समय से सेना का हिस्सा रहे हैं. प्रतीक शर्मा ने कई ऑपरेशन्स में हिस्सा लिया है, जिनमें ऑपरेशन पवन, मेघदूत, रक्षक और पराक्रम शामिल हैं.
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