मोदी सरकार साल 2015 में लिंगायत संत शिवकुमार स्वामी को पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है. फाइल फोटो. इंडिया टुडे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको अपना गुरु मानते हैं. मोदी सरकार उनको साल 2015 में पद्म भूषण से सम्मानिl कर चुकी है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उनको भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मई 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. ऐसी शख्सियत थे लिंगायत संत और सिद्धगंगा मठ के महंत शिव कुमार स्वामी. कई दिनों की बीमारी के बाद 21 जनवरी, 2019 को 111 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन से कर्नाटक समेत देश भर में उनको मानने वाले दुखी हैं. संत शिवकुमार स्वामी बीते 2 महीने से बीमार थे और अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे. सिद्धगंगा मठ कर्नाटक के बेंगलुरु से कोई 80 किलोमीटर तुमकुरु में स्थित है.
क्या बीमारी थी लिंगायत संत को
संत शिवकुमार स्वामी की तबियत में बीते 2 महीने में कई बार उतार-चढ़ाव आए. डॉक्टरों ने बताया कि 20 जनवरी, 2018 की रात से उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई. उनको वेंटिलेटर पर रखा गया. बीते महीने उनकी चेन्नई के एक अस्पताल में पित्ताशय यानी गाल ब्लै़डर और लीवर की सर्जरी की गई थी. बाद में उनको बेंगलुरु लाया गया था. यहां से उन्हें तुमकुरु के सिद्धगंगा मठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके निधन की जानकारी डॉक्टर परमेश शिवाना ने दी. शिवाना सिद्धगंगा हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं. वे ही शिवकुमार स्वामी का इलाज कर रहे थे. उन्होंने बताया कि शिवकुमार स्वामी का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था. प्रोटीन लेवल भी गिर गया था.
पीएम समेत कई नेताओं ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया. पीएम ने ट्वीट किया, 'आध्यात्मिक नेता डॉक्टर श्रीश्री श्री शिवकुमार स्वामीगलु जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं. उन्होंने विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा की दिशा में समाज के लिए बहुत योगदान दिया है. महंत श्री शिवकुमार स्वामी जी लोगों के लिए जीए, विशेष रूप से गरीब और कमजोर लोगों के लिए. उन्होंने खुद को गरीबी, भुखमरी और सामाजिक अन्याय जैसी बीमारियों को कम करने के लिए समर्पित किया.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके संवेदना जताई.कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि स्वामी शिवकुमार को भारत रत्न दिया जाए. उन्होंने स्वामी को महान व्यक्ति बताया.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि महंत शिवकुमार जीवित भगवान थे. उन्होंने देश के लिए जो किया उसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता है. उनके जाने से देश को भारी छति हुई है. उन्होंने धर्मगुरु के निधन पर प्रदेश में तीन का राजकीय शोक घोषित किया है. इसमें एक दिन की छुट्टी भी शामिल है. सरकार ने ये आदेश प्रदेश के सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों के लिए जारी किए हैं.
दिवंगत लिंगायत संत को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रमुख नेता एक साथ आए.पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुयुरप्पा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राष्ट्र ने एक महान हस्ती खो दी है. उनका जाना एक बड़ा नुकसान है. उन्होंने वह पूरा जीवन जिया जो इतिहास में अद्वितीय है. वे 90 साल तक काम करते रहे.'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महंत शिवकुमार स्वामी के निधन पर गहरा शोक जताया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, संत शिवकुमार स्वामी जी के निधन के बारे में सुनकर दुखी हूं. सिद्धगंगा मठ और स्वामी जी ने अपने कार्यों के बल पर सभी धर्मों और समाज के लाखों भारतीयों के दिलों में सम्मान प्राप्त किया. वे अपने पीछे बड़ी आध्यात्मिक विरासत छोड़कर गए हैं. उनके अनुयायियों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.

क्यों इतने अहम थे शिवकुमार स्वामी
कर्नाटक की राजनीति में सिद्धगंगा मठ और यहां के महंत शिवकुमार स्वामी का काफी प्रभाव है. पीएम मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गांधी परिवार तक सभी उनका सम्मान करते थे. लिंगायत समुदाय में स्वामी की भगवान जैसी आस्था थी. सिद्धगंगा मठ राज्य में कई शिक्षण संस्थानों और अस्पताल, इंजीनियरिंग और बिजनेस संस्थानों का संचालन करता है. कर्नाटक के 30 जिलों में लिंगायत समुदाय के मठ का जाल फैला हुआ है. ये समुदाय कर्नाटक की राजनीति में राजनीतिक समीकरणों को बनाने और बिगाड़ने की हैसियत रखता है. सूबे में 18 फीसदी वोटर इसी वर्ग से हैं. लिंगायत समुदाय का सबसे प्रमुख मठ बंगलुरू से 80 किमी दूर तमकुरू में स्थित है. इस मठ को भाजपा के समर्थन में ही देखा जाता है. राज्य में इसके कुल मठ 400 से भी ज्यादा हैं.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संत शिवकुमार स्वामी से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद अपने अनुभव को उन्होंने ईश्वर से मिलने जैसा बताया था. अमित शाह से पहले नरेंद्र मोदी भी उनके दर्शन करने सिद्धगंगा मठ पहुंचे थे. कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान ही राहुल गांधी भी स्वामी से मिले थे और उनसे आशीर्वाद लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता उन्हें अपना गुरु मानते हैं. साल 2007 में उनके 100वें जन्मदिन पर तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने उनको राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'कर्नाटक रत्न' से नवाजा था. साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन्हें 'भारत रत्न' की मांग करते रहते हैं. इससे पहले के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टार भी भारत रत्न देने की मांग कर चुके थे. साल, 2006 में नेताओं ने उन्हें भारत रत्न देने की सिफारिश भी की थी. शिवकुमार स्वामी से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी भी मिलते रहे हैं.
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