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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सलमान खान का जान का दुश्मन बनने की पूरी कहानी

NCP अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को हत्या कर दी गई. एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कथित तौर पर उनकी हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने लिया है. इस पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कथित सदस्य ने सलमान खान का भी जिक्र किया है. सलमान खान लंबे समय से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं. और इसके पीछे एक कहानी है.

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सलमान खान और लॉरेंस बिश्नोई. (फोटो क्रेडिट -इंडिया टुडे)

12 अक्टूबर की शाम, NCP के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई. बाबा सिद्दीकी कांग्रेस से तीन बार विधायक रहे. उनकी इफ्तार पार्टियों की मकबूलियत पूरे देश में थी. क्योंकि इनमें बॉलीवुड एक्टरों का जमावड़ा लगता था. कहा जाता है कि बाबा सिद्दीकी ने ही सलमान और शाहरुख में सुलह कराई थी. एक फेसबुक पोस्ट में कथित तौर पर बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. साथ ही इस पोस्ट में बाबा सिद्दीकी के सलमान खान के साथ ताल्लुकात का भी जिक्र किया गया है. इस साल इसी गिरोह के सदस्यों ने कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर गोलीबारी भी की थी. सवाल है कि आखिर लॉरेंस बिश्नोई गैंग सलमान खान के पीछे क्यों पड़ा है? इसके पीछे की वजह है एक केस. क्या है वो केस, सलमान पर क्या आरोप लगे हैं, सबकुछ जानते हैं तफ्सील से. 

जोधपुर का कांकाणी इलाक़ा. 1998, 1 अक्टूबर की देर रात. थोड़ा महीन से देखें तो 2 अक्टूबर शुरू हो चुका था. शांति के पुजारी गांधी का जन्मदिन. रात की उस शान्ति में दो धमाके हुए. गांव के लोग जागे और उस दिशा की ओर भागे जहां से वो आवाज़ें आईं थीं. उनके हाथ में लाठियां थीं और सामने एक खेत के बीचों-बीच एक जिप्सी गाड़ी खड़ी थी. खुली छत वाली उस जिप्सी में कुल 7 लोग सवार थे. गांव वालों के लिए 2-3 चेहरे बहुत ही जाने पहचाने थे लेकिन हाव-भाव और पहनावे से उनमें से कोई भी उस इलाके का नहीं मालूम दे रहा था. जीप से कुछ दूरी पर दो हिरन मरे पड़े थे. उन्हें गोली मारी गई थी. वही गोलियां जिनके शोर ने गांव वालों को जगाया था.

ये बिश्नोई समाज का इलाका था. बिश्नोई लोग हिरणों से बेहद प्रेम करते हैं. न जाने कितनी ही तस्वीरों में बिश्नोई समाज की महिलाओं को हिरणों को स्तनपान कराते हुए देखा गया है. इन्हें पेड़-पौधों और बाकी प्रकृति से काफ़ी लगाव होता है. हिरणों को मरा पड़ा देख और गाड़ी की ड्राइविंग सीट और उसके बगल में बैठे शख्स के हाथ में बंदूक देख उन्हें सब कुछ समझ में आ गया. वो तुरंत ही उग्र हो गए और इस बात को जिप्सी में बैठे लोग भी भांप गए. गांव के लोगों ने उन्हें घेरने की पूरी कोशिश की. कुछ लाठियां जिप्सी पर भी चलीं. जीप में बैठी महिलाएं चीख रही थीं. ड्राइवर उन्हें लगातार चुप रहने के लिए कह रहा था. उसकी आवाज़ में उग्रता भरी हुई थी. वो अपनी गाड़ी को वहां से निकालने की हर कोशिश कर रहा था. कुछ देर में पूरी शिकारी टोली वहां से भागने में कामयाब हो गई. गांव के लोगों ने गाड़ी का नंबर नोट कर लिया था.

पुलिस को तुरंत ही बुलाया गया. सबसे पहले सबूत के तौर पर गाड़ी के नंबर की जांच की गई. मालूम पड़ा कि गाड़ी किसी अरुण यादव के नाम पर थी. यादव ने बताया कि एक फ़िल्म यूनिट जोधपुर में कुछ दिनों से रुकी हुई थी जिसने इस जिप्सी को किराए पर लिया था. जिप्सी को हरीश दुलानी नाम के ड्राइवर के सुपुर्द किया गया था. तुरंत ही उसे धरा गया. हरीश ने यहां से जो बताया, उसने काफ़ी बड़ा तूफ़ान खड़ा किया.

हरीश ने आरोप लगाया कि उस रात (1-2 अक्टूबर की रात) जिप्सी में सलमान खान, सैफ़ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम, दुष्यंत सिंह और ड्राइवर हरीश दुलानी मौजूद थे. कहा गया कि हरीश भले ही ड्राइवर था लेकिन गाड़ी सलमान खान चला रहे थे. लेकिन अब जो आरोप सलमान खान पर लगे वो बेहद गंभीर थे. हरीश के मुताबिक सभी कांकाणी इलाके में पहुंचे जहां उन्होंने दो हिरणों का शिकार किया गया. कथित तौर पर सलमान ने गोली चलाई और जाकर घायल हिरण की गर्दन चीर दी. 

हरीश ने ये भी आरोप लगाया कि ये पहला मौका नहीं था जब सलमान खान और उनके बाकी साथियों ने हिरणों का शिकार किया था. उनका कहना था कि 1-2 अक्टूबर की रात से पहले भी सलमान और उनके साथियों ने जोधपुर और आस पास के इलाके में शिकार किये थे. उन्होंने कथित तौर पर पहली बार ये सिलसिला 27 सितम्बर को शुरू किया था. शुरुआत में उन्हें मात्र एक ही चिंकारा मिला. आरोप के मुताबिक सलमान ने चिंकारा को मारा और होटल में लाकर देर रात कुक से पकवाया. 

ये भी कहा गया कि 1-2 अक्टूबर की रात से पहले जब इन्होने शिकार किया था तो गाड़ी में सतीश शाह भी मौजूद थे. इसके बाद जब वो निकले तो गाड़ी में सलमान और सैफ़ ही थे. लेकिन जब ये धराये गए तो गाड़ी में तब्बू, सैफ़, सोनाली बेंद्रे और नीलम भी मौजूद थीं. पुलिस ने 4 अक्टूबर, 1998 को ही मंदोल उद्यान पहुंचकर बीच शूटिंग से सलमान और बाकी साथियों को अरेस्ट कर लिया. इसके बाद आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू हुई.

इस रात और इसके बाद के बारे में कितने ही बातें कही जाती हैं. एक ये कि जब शिकार के बाद जब गांववालों ने जीप को घेर लिया था और जीप पर लाठियों की चोटें पड़ रही थीं तो जीप में मौजूद फ़िल्म की हिरोइनें चीखने लगीं. इसमें तब्बू ने सलमान को काफ़ी लानतें दीं. जिसके जवाब में सलमान खान ने तब्बू को भद्दी बातें कहीं. इसके बाद होटल वापस पहुंचने पर सलमान और तब्बू के बीच काफ़ी बहस हुई. 

दूसरी बात जो सुनने में आती है वो बिश्नोई समाज के बारे में हैं. बिश्नोई समाज के लोगों ने सलमान खान को ये मौका दिया कि वो कुछ वक़्त की कम्युनिटी सर्विस करें, उनके बुजुर्गों से माफ़ी मांगें और मामला वहीं खत्म कर दिया जायेगा. इसके बाद सलमान के छोटे भाई सोहेल खान वहां पहुंचे, उनकी शर्तें सुनीं और राज़ी हो गए. लेकिन कहा जाता है कि सलमान ने ये सभी बातें मानने से इनकार कर दिया. वो माफ़ी नहीं मांगने वाले थे और ये उन्होंने साफ़ कर दिया. 

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