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'मास्टरमाइंड' ललित झा ने संसद घुसपैठ के तुरंत बाद भेजा था वीडियो, दोस्त ने खोली पूरी कुंडली

दोस्त ने बताया कि आरोपी ललित ने कभी सीधे तौर पर इस घुसपैठ की योजना के बारे में बात नहीं की थी. दिसंबर महीने में NGO में एक मींटिंग होनी थी. जिस पर ललित ने कहा था कि जो भी मीटिंग करनी हो 12 दिसंबर के पहले होनी चाहिए.

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संसद मे घुसपैठ का आरोपी ललित झा फरार चल रहा है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)
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श्रेया चटर्जी

संसद में 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक (Parliament Security Breach) में 6 आरोपियों का नाम आया है. आरोपी ललित झा अभी फरार चल रहा है. घटना के वक्त ललित भी संसद (Loksabha) परिसर में ही मौजूद था. जैसे ही हंगामा शुरू हुआ आरोपी ललित वहां से भाग गया. इंडिया टुडे से जुड़ीं श्रेया चटर्जी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ललित झा को इस घुसपैठ का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. 

कथित रूप से ललित को कोलकाता में कई सामाजिक समारोहों में देखा गया था. उसके कई NGOs से जुड़े होने की बात भी सामने आई है. इनमें ज्यादातर बंगाल के NGOs हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ललित झा फरार होने से पहले अपने NGO पार्टनर नीलाक्ष आइच को संसद में घुसपैठ और सुरक्षा चूक का एक वीडियो व्हाट्सएप पर भेजा था. रिपोर्ट में ये भी पता चला कि उसे बार-बार अपना फोन नंबर बदलने की आदत थी.

ललित कथित रूप से नीलाक्ष द्वारा स्थापित एक NGO साम्यवादी सुभाष का महासचिव था. उसने अपने परिचितों से दावा किया है कि उसके पास ग्रामीण बंगाल में एक एक्टिव नेटवर्क है. खासकर ये नेटवर्क पुरुलिया और झाड़ग्राम के जिलों में एक्टिव है. मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 4 आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया है. अब इस केस की जांच स्पेशल सेल करेगी.

रिपोर्ट के अनुसार, फरार आरोपी ललित ने संसद हमले के तुरंत बाद नीलाक्ष से संपर्क किया था. घटना के बाद दोपहर 1 बजे उसने संसद में घुसपैठ का वीडियो नीलाक्ष को भेजा था. नीलाक्ष उस समय कॉलेज में थे इसलिए उन्होंने वीडियो नहीं देखा. बाद में वीडियो देखा तो नीलाक्ष ने उससे घटना के बारे में और जानकारी मांगी.

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कौन है Lalit Jha?

ललित और नीलाक्ष की मुलाकात इसी साल अप्रैल महीने में हुई थी. दोनों सेंट्रल एवेन्यू कोलकाता में एक कार्यक्रम में मिले थे. नीलाक्ष ने बताया कि ललित ने अपना परिचय एक सोशल वर्कर के रूप में दिया था. उसने दावा किया था कि उसे पिछड़े वर्गों के लिए काम करना अच्छा लगता है. नीलाक्ष के मुताबिक, वो हमेशा कहता था कि वो पश्चिम बंगाल के कोलकाता का रहने वाला है. 

उनके NGO के रजिस्ट्रेशन की प्रकिया चल रही थी. इसके लिए दिसंबर महीने में NGO में एक मींटिंग होनी थी. जिस पर ललित ने कहा था कि जो भी मीटिंग करनी हो 12 दिसंबर के पहले होनी चाहिए. नीलाक्ष ने बताया कि आरोपी ललित ने कभी सीधे तौर पर इस घुसपैठ की योजना के बारे में नहीं बताया. उसने कभी भी अपना पता, ठिकाना या उम्र के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. उसके पास दो व्हाट्सएप नंबर थे. वह एक समय में एक नंबर यूज करता था और दूसरा नंबर बंद हो जाता था.

नीलाक्ष के मुताबिक, उसकी उम्र 25 से 30 साल है. उसने यह कभी नहीं बताया कि वह कहां काम करता था या कहां रहता था. आखिरी बार जुलाई महीने में NGO के एक कार्यक्रम में नीलाक्ष और ललित की मुलाकात हुई थी.

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