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कोलकाता रेप केस: 40 दिन बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की, शनिवार से काम पर लौटेंगे

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस को लेकर बीते 40 दिनों से जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे थे. उन्होंने अपने प्रदर्शन को खत्म करने फैसला किया है.

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आरजी मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर मामले को लेकर कोलकाता में जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन करते हुए. (तस्वीर:PTI)

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर के खिलाफ जारी प्रदर्शन को डॉक्टरों ने रोकने का फैसला लिया है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस को लेकर बीते 40 दिनों से जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे थेे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर्स 21 सितंबर से काम पर लौटेंगे. इमरजेंसी सर्विस शुरू हो जाएगी, वहीं ओपीडी सेवा अभी निलंबित ही रहेगी. प्रदर्शनकारी डॉक्टर 20 सितंबर को स्वास्थ्य भवन से CBI ऑफिस तक एक मार्च निकालेंगे, जिसके बाद प्रदर्शन खत्म करेंगे.

बहुत कुछ हासिल किया, लेकिन कई चीज़ें अधूरी रह गईं

आंदोलन के 41वें दिन पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट की तरफ से बताया गया कि इतने दिनों के प्रोटेस्ट में उन्होंने क्या हासिल किया. इसके साथ ही आगे के रोडमैप का भी जिक्र हुआ. सीएम ममता बनर्जी से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल डॉ. अकीब ने मीडिया के सामने इन बातों को रखा. उन्होंने कहा,

“हमने अपने आंदोलन के दौरान बहुत कुछ हासिल किया, लेकिन कई चीजें अधूरी रह गईं. हमने अपने आंदोलन के बलबूते पर कोलकाता के पुलिस कमीश्नर का इस्तीफा हासिल किया. इसके अलावा कुछ कर्मचारियों डीएमई, डीएचएस को इस्तीफा देना पड़ा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आंदोलन ख़त्म हो गया है. हम लोग इस आंदोलन को नए तरीके से आगे ले जाने की कोशिश करेंगे.”

उन्होंने आगे कहा,

“कल मुख्य सचिव के साथ हमारी बैठक के बाद हमें वहां से एक निर्देश मिला है. इसमें हमें आश्वासन दिया गया है कि सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन यह कब से होगा, ये नहीं बताया गया है. हमारी अभी भी मांग हैं कि प्रमुख सचिव को पद से हटाया जाए. कल हम स्वास्थ्य भवन से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक एक रैली निकाल रहे हैं और अपना विरोध समाप्त करेंगे.हम शनिवार से काम पर लौटेंगे और आवश्यक सेवाएं फिर से बहाल होंगी. OPD और OT सेवाएं निलंबित रहेंगी क्योंकि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि महिला सहकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएं.”

कौन सी मांगें मान ली गई, कौन सी नहीं पूरी हुईं

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन पर बैठे थे. प्रदर्शन के 38वें दिन सीएम ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ बातचीत की. जूनियर डॉक्टर्स की मांग थी कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी हो  और आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एक्शन लिया जाए. इसके साथ ही कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और अन्य दोषी अफसरों को हटाया जाने की भी मांग की गई थी. डॉक्टरों ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने और अस्पताल में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने का भी मुद्दा उठाया था.  

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सीएम ममता से हुई मुलाकात के बाद कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को पद से हटा दिया गया. उनकी जगह 1998 बैच के IPS मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया.  इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नाइक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को भी हटाया गया. अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा से जुड़े मसलों पर विचार करने के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की गई है. सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए अस्पतालों में सीसीटीवी और वॉशरूम जैसी सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

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