The Lallantop

पुलिस स्टेशन में सबूत बदले गए... कोलकाता डॉक्टर रेप केस में CBI ने किस पर उठाए बड़े सवाल?

RG Kar Medical College: CBI ने विशेष अदालत से कहा है कि ताला पुलिस स्टेशन में झूठे सबूत बनाए गए या उनमें फेरबदल किया गया. जांच एजेंसी ने क्या-क्या नई बातें बताई हैं?

post-main-image
दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. (फाइल फोटो: PTI)
author-image
राजेश साहा

कोलकाता जूनियर डॉक्टर रेप-मर्डर मामले (Kolkata Rape Case) में CBI ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि इस केस से संबंधित कुछ सबूत पुलिस स्टेशन में बदल दिए गए. या कुछ सबूत पुलिस स्टेशन में ही गलत तरीके से बनाए गए. CBI ने विशेष अदालत को बताया कि सबूतों के साथ ये गड़बड़ी ताला पुलिस स्टेशन में की गई. CBI ने कोर्ट से ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल और RG Kar Medical College के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की न्यायिक हिरासत की मांग की.

इंडिया टुडे से जुड़े राजेश साहा की रिपोर्ट के मुताबिक, सियालदह कोर्ट ने CBI की मांग को स्वीकार करते हुए दोनों आरोपियों को 30 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

CBI को क्या-क्या पता चला?

सुनवाई के दौरान CBI ने दावा किया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान कुछ और जानकारियां सामने आई हैं. इससे पता चलता है कि ताला पुलिस स्टेशन में झूठे सबूत बनाए गए या उनमें फेरबदल किया गया. 

CBI ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पुलिस स्टेशन की CCTV फुटेज जब्त कर ली है. फुटेज को जांच के लिए कोलकाता के सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) में भेजा गया है. जांच एजेंसी के वकील ने अदालत से कहा,

“कुछ चीजें CBI की जांच से परे हैं. हमारे हाथ में कोई जादू की छड़ी नहीं है कि हम एक पल में सब कुछ कर सकें. हमें समय चाहिए. हमने उनके मोबाइल फोन और CCTV फुटेज से डेटा निकाला है. हम अभी भी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं. इसमें समय लगता है, इसलिए हम 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत की मांग कर रहे हैं.”

CBI ने अभिजीत मंडल को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था. संदीप घोष को पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. 15 सितंबर को अदालत के आदेश के बाद CBI ने घोष को हिरासत में ले लिया था.

9 अगस्त को क्या हुआ था?

RG Kar Medical College से 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर का शव मिला था. बताया गया कि डॉक्टर का रेप और फिर उनका मर्डर कर दिया गया था. इस मामले में कोलकाता पुलिस ने 1 दिन बाद मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया. जो एक नागरिक स्वंयसेवक था. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. अदालत ने इस मामले को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में FIR दर्ज करने में कम से कम 14 घंटे की देरी हुई थी. साथ ही कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया था कि सोशल मीडिया से पीड़िता की तस्वीरों को हटाया जाए.

वीडियो: कोलकाता केस में सबूतों से छेड़छाड करने के आरोप में पूर्व प्रिंसिपल, SHO समेत 5 को CBI कर चुकी है अरेस्ट