The Lallantop

हरदीप सिंह 'निज्जर की हत्या में चीन का हाथ' बताने वाली जेनिफर ज़ेंग कौन हैं?

जेनिफर ज़ेंग ने एक चीनी लेखक का हवाला देते हुए कहा है कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में चीनी एजेंटों का हाथ है. चीन में जन्मीं जेनिफर ज़ेंग वहां के लेबर कैंप में सजा काट चुकी हैं. चीन से भागकर ज़ेंग ने ऑस्ट्रेलिया में शरण ली थी. अब वो अमेरिका में रहती हैं.

post-main-image
जेनिफर ज़ेंग नाम की ब्लॉगर ने कनाडा में निज्जर की हत्या के पीछे चीन का हाथ बताया है. (फाइल फोटो: आजतक और X)

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर नए-नए दावे सामने आ रहे हैं. अब आरोप लगा है कि निज्जर की हत्या के पीछे चीन का हाथ है. दावा किया गया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के एजेंट शामिल थे. ये जानकारी एक ब्लॉगर की ओर से दी गई है जिनका नाम जेनिफर ज़ेंग है. उन्होंने चीनी लेखक और यूट्यूबर लाओ डेंग के दावों का जिक्र किया है, जो उनके मुताबिक अब कनाडा में रहते हैं. जेंग के मुताबिक निज्जर की हत्या से चीन का मकसद भारत और पश्चिम के बीच कलह पैदा करना था.

ये भी पढ़ें- जयशंकर से मीटिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री ने निज्जर का मुद्दा उठाया या नहीं? इन दावों से खलबली

कौन हैं जेनिफर ज़ेंग?

चीन में जन्मीं जेनिफर ज़ेंग वहां के लेबर कैंप में सजा काट चुकी हैं. चीन से भागकर ज़ेंग ने ऑस्ट्रेलिया में शरण ली थी. अब वो अमेरिका में रहती हैं. जेनिफर ज़ेंग इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन की सदस्य हैं, ऐसा उनके अपने X (पहले ट्विटर) बायो में लिखा है.

जेनिफर ज़ेंग अपना एक ब्लॉग और Inconvenient Truths by Jennifer Zeng नाम का चैनल चलाती हैं. इस चैनल के मुताबिक इसका मकसद चीन से प्रामाणिक, सबसे तेज़, बिना सेंसर वाली जानकारी देना है. साथ ही, जेनिफर ज़ेंग इस पर चीन के करेंट अफेयर्स और राजनीति पर भी डिटेल देती हैं.

ज़ेंग चीन में स्टेट काउंसिल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर में एक रिसर्चर के तौर पर काम कर चुकी हैं. उनके चैनल के मुताबिक वो पिछले 20 सालों से मीडिया इंडस्ट्री में एक पत्रकार, संपादक, न्यूज प्रोड्यूसर, न्यूज डायरेक्टर और कॉलमनिस्ट के तौर पर काम कर रही हैं.

ज़ेंग अवॉर्ड विनिंग डॉक्यूमेंट्री 'फ्री चाइना: द करेज टू बिलीव' का भी हिस्सा थीं. 61 मिनट की ये डॉक्यूमेंट्री साल 2012 में आई थी. ये डॉक्यूमेंट्री जेनिफर ज़ेंग की कहानी पर आधारित है, जो कई करोड़ चीनियों के साथ फालुन गोंग का अभ्यास कर रही थीं. फालुन गोंग एक चीनी आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे चीनी सरकार ने गैरकानूनी घोषित कर दिया था. 

जेनिफर ज़ेंग ने क्या दावा किया है?

एक्स (X) पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में ज़ेंग ने कहा,

“हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में चौंकाने वाले खुलासे CCP के अंदर से सामने आए हैं. यह आरोप लगाया गया है कि निज्जर की हत्या CCP एजेंटों द्वारा की गई थी. इसका मकसद भारत और पश्चिम के बीच कलह पैदा करना था. ये जानकारी चीनी लेखक और यूट्यूबर लाओ डेंग की ओर से आई है, जो अब कनाडा में रहते हैं.”

ये भी पढ़ें- खालिस्तानी निज्जर के मर्डर का VIDEO... विदेशी अखबार का ये खुलासा किसकी मुश्किलें बढ़ाएगा?

बता दें कि कनाडा में इस साल 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी. वहीं ज़ेंग के मुताबिक जून की शुरुआत में अमेरिका में एक मीटिंग हुई थी. जेनिफर ज़ेंग ने इस मीटिंग के बारे में लाओ डेंग के हवाले से कहा,

“लाओ ने कहा कि इस साल जून की शुरुआत में CCP राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने एक हाई रैंक अधिकारी को सिएटल, अमेरिका भेजा था. वहां एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी. CCP एजेंट अमेरिका और कनाडा में अंडरकवर काम करते हैं. इसका मकसद भारत और पश्चिम के बीच संबंधों को खराब करना था. एजेंटों को कनाडा में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने का काम सौंपा गया था. मीटिंग के बाद, CCP एजेंटों ने हत्या की प्लानिंग को अंजाम दिया.”

चीन से क्यों भागी थीं जेनिफर ज़ेंग?

जेनिफर ज़ेंग के ब्लॉग में उनके बारे में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक उनका जन्म 1966 में चीन के सिचुआन प्रांत में हुआ था. जेनिफर ने जुलाई 1997 में फालुन गोंग का अभ्यास शुरू किया था. 1999 में फालुन गोंग पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कार्रवाई के बाद, उन्हें गिरफ्तार किया गया. उन्हें एक साल के लेबर कैंप की सजा सुनाई गई. जेंग के मुताबिक यहां फालुन गोंग का अभ्यास करने वालों को प्रताड़ित किया जाता था.

सितंबर 2001 में जेनिफर ऑस्ट्रेलिया भागने में सफल रहीं और वहां शरण मांगी. दो साल बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया में शरणार्थी का दर्जा दिया गया. 2011 में, जेनिफर एक पत्रकार वीजा के तहत अमेरिका चली गईं. जनवरी 2019 में, उनकी असाधारण प्रतिभा और अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा को देखते हुए उन्हें EB-1 वीजा (असाधारण योग्यता ग्रीन कार्ड) दिया गया. वह अप्रैल 2023 में इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन की सदस्य बनीं.