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मोदी को धमकी देने वाला खालिस्तानी पन्नू मार दिया गया? ये दावा वायरल हो रहा

पिछले कुछ दिनों के दौरान विदेश में बैठे कई खालिस्तानी आतंकी मारे गए हैं

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खालिस्तानी आतंकी पन्नू की मौत हुई या नहीं? (फोटो- crimetak)

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की अमेरिका में मौत हो गई है. अमेरिकी हाईवे नंबर 101 पर उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ जिसमें उसकी जान चली गई. ये पूरा दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक दावा ये भी किया जाने लगा है कि पन्नू की मौत की ये खबरें कोरी अफवाह हैं और वो जिंदा है. लेकिन, इस पूरे मामले पर अब तक खालिस्तान समर्थक गुटों या अमेरिकी सरकार की तरफ से कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है. लल्लनटॉप भी सोशल मीडिया पर चल रही खबरों की पुष्टि नहीं करता है.

दो महीने में कई खालिस्तानी ढेर

बीते दो महीनों के दौरान विदेश में बैठे कई खालिस्तानी आतंकियों की मौत की खबरें आई हैं. आतंकी परमजीत सिंह पंजवार को मई महीने में पाकिस्तान के लाहौर में गोली मार दी गई थी. जबकि जून में अमृतपाल सिंह के गाइड कहे जाने वाले अवतार सिंह खांडा की बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.

पिछले महीने ही खबर आई थी कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरपतवंत सिंह पन्नू निज्जर का करीबी था, ऐसे में निज्जर के मर्डर के बाद पन्नू अंडरग्राउंड हो गया. बताया जाता है कि पन्नू और निज्जर दोनों एक साथ काम कर रहे थे और जनमत संग्रह अभियान शुरू करने के लिए अन्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी गए थे. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर के मारे जाने के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना प्रचार बंद कर दिया था. उसने निज्जर के समर्थन में कोई वीडियो या ऑडियो मैसेज तक जारी नहीं किया था.

पीएम मोदी को धमकी दी

उससे पहले अप्रैल में पन्नू ने पीएम मोदी को धमकी दी थी. 14 अप्रैल को पीएम असम यात्रा पर थे, उसी दौरान पन्नू ने स्थानीय पत्रकारों को एक रिकॉर्डेड मैसेज भेजा था. अप्रैल में ही पन्नू ने सोशल मीडिया के जरिए दिल्ली में जी-20 राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान खालिस्तान के झंडे फहराने की घोषणा की थी. 

कौन है Gurpatwant Singh Pannun?

गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जिले के गांव खानकोट का रहने वाला है. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद न्यूयॉर्क के टूरो लॉ कॉलेज से मास्टर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टफोर्ड से एमबीए की डिग्री ली. इसके बाद वो कनाडा चला गया. आरोप है कि वो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को फिर से जिंदा करने में लग गया. इसी मकसद से उसने 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) की स्थापना की. भारत में यह संगठन प्रतिबंधित है. भारत सरकार ने 2019 में इस पर बैन लगाया था.

1 जुलाई 2020 को गुरपतवंत सिंह पन्नू काफी चर्चा में आया था. तब भारत सरकार ने उसे UAPA कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था. जुलाई 2020 में ही पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था. उसके बाद NIA ने UAPA एक्ट 1967 की धारा 51 ए के तहत अमृतसर स्थित उसकी अचल संपत्तियों की जब्ती का आदेश दिया था.

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