केरल में 20 साल के पशु चिकित्सा छात्र जे एस सिद्धार्थन की मौत की जांच CBI ने अपने हाथ में ले ली है. सिद्धार्थन का शव 18 फरवरी को वायनाड जिले में स्थित कॉलेज छात्रावास के बाथरूम में फंदे से लटका मिला था. जिसके बाद से परिवार का आरोप था कि केरल में सत्तारूढ़ CPIM की छात्र इकाई स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं समेत साथी छात्रों ने उसकी रैगिंग की थी. CBI ने इस संबंध में 5 अप्रैल देर रात 20 लोगों के खिलाफ वायनाड के विथिरी थाना में नए सिरे से FIR दर्ज किया है.
29 घंटे तक लगातार टॉर्चर, रैगिंग, मारपीट... केरल में छात्र के साथ दरिंदगी की कहानी रुला देगी
केरल पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की रिपोर्ट जो उन्होंने CBI को दी थी, उसमें कहा कि सिद्धार्थन पर सीनियर स्टूडेंट्स और क्लासमेट द्वारा 29 घंटे तक लगातार हमला किया गया, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केरल पुलिस ने रिपोर्ट की कॉपी जो उन्होंने CBI को दी थी, उसके मुताबिक सिद्धार्थन पर सीनियर स्टूडेंट्स और क्लासमेट द्वारा 29 घंटे तक लगातार हमला किया गया. जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. पुलिस FIR के मुताबिक सिद्धार्थन को 16 और 17 फरवरी को रैगिंग के साथ हाथ और बेल्ट से पीटा गया था. जिसकी वजह से मृतक सिद्धार्थन मानसिक तनाव में आ गया था. 18 फरवरी को दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हॉस्टल में आत्महत्या कर ली.
मामले में नए सिरे से FIR दर्जपुलिस ने पहले सिद्धार्थन के बैचमेट कृष्णलाल के बयान के आधार पर शुरुआत में CRPC की धारा 174 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसके बाद बिथिरी पुलिस स्टेशन के SI प्रशोभ ने नई धाराएं जोड़ने के लिए संबंधित अदालत में अर्जी दाखिल की. CBI ने केरल पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली. IPC की धारा के तहत नई FIR दर्ज की है. जिसमें 120 (आपराधिक साजिश), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 323 (चोट पहुंचाना), 342, 506 (धमकी देना), 355 (हमला), एंटी रैगिंग जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं.
CBI ने यूनियन अध्यक्ष अरुण के, SFI इकाई सचिव अमल एहसान, और इकाई के सदस्य आसिफ खान और अभिषेक एस, के अलावा अखिल के, काशीनाधन आरएस, अमीन अकबर अली, अरुण के, सिंजो जॉनसन, अजय जे, अल्थफ ए, सऊद रिसाल ईके, अदित्यान, मुहम्मद धनीश, रेहान बिनॉय, आकाश एसडी, श्रीहरि आरडी, डॉन्स दाई, बिलगेट जोशवा थानिक्कोडे, नसीर वी और अभी वी के खिलाफ FIR दर्ज की है.
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विपक्ष लगातार लगा रहा था आरोपइस मामले के राजनीतिक रंग लेने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 9 मार्च को CBI जांच का आश्वासन दिया था. जिसके बाद कांग्रेस और BJP ने आरोप लगाया कि सरकार ने आश्वासन के कई सप्ताह बाद भी अभी तक आवश्यक फाइलें CBI को नहीं सौंप रही.
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