केरल में एक IAS अधिकारी के वासुकी की नियुक्ति को लेकर हंगामा मचा हुआ है. BJP इसको लेकर CPI-M की नेतृत्व वाली LDF गठबंधन की सरकार पर हमलावर है. उनका आरोप है कि केरल सरकार ने के वासुकी की नियुक्ति विदेश सचिव के रूप में की है. जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है. इस मामले में केरल सरकार की सफाई सामने आई है. केरल की मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य में विदेश सचिव जैसा कोई पद नहीं है. इस मामले पर उन्होंने मीडिया रिपोर्ट को फर्जी बताया जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने राज्य में एक IAS अधिकारी को विदेश सचिव नियुक्त किया है.
केरल देश का एक राज्य है तो महिला IAS को विदेश सचिव कैसे नियुक्त कर दिया? पूरी बात तो अब पता चली है!
Kerala सरकार ने राज्य सरकार द्वारा 'विदेश सचिव' नियुक्त किए जाने के आरोपों पर सफाई दी है. केरल की मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने बताया कि सरकार में बैठे लोग इस बेसिक फैक्ट से अनजान नहीं हैं कि विदेशी मामले केंद्र सरकार का विषय हैं.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य सचिव से सवाल किया गया कि क्या राज्य सरकार ने विदेश सचिव की नियुक्ति का आदेश जारी किया है? तो उनका जवाब था - नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग इस बेसिक फैक्ट से अनजान नहीं हैं कि विदेशी मामले केंद्र सरकार का विषय हैं.
मुख्य सचिव डॉ वी वेणु ने बताया कि राज्य सरकार ने कुछ समय पहले वाणिज्यिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए विदेशी एजेंसियों, बहुपक्षीय संस्थानों और दूतावासों के साथ कॉर्डिनेशन के लिए विदेशी सहयोग(External Cooperation) का एक डिवीजन बनाया था.
उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया हैं. बल्कि जो भी कदम उठाए गए हैं, राज्य के विकास के लिए नए संबंध स्थापित करने के प्रयास के तहत हैं.
वेणु ने बताया,
कई विदेशी एजेंसियां, बहुपक्षीय एजेंसियां, दूसरे देशों के दूतावासों में काम करने वाली संस्थाएं और प्रतिनिधिमंडल केरल सरकार के साथ-साथ दूसरे राज्य सरकारों के भी साथ नियमित संपर्क में रहते हैं. आपसी सहयोग के माध्यम से वाणिज्यिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहकारी संबंध बनते हैं. जब राज्य के सीएम या दूसरे मंत्री विदेश जाते हैं, तो वहां हुई चर्चाओं के चलते कई प्रतिनिधि नए संपर्क बनाने के लिए केरल आते हैं. बीते सालों में इन्हें अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी के रूप में देखा जाता था. लेकिन इस तरह की चर्चाओं की संख्या बढ़ी तो एक बेहतर तालमेल की जरूरत महसूस की गई. इसलिए विदेशी सहयोग डिवीजन बनाया गया था.
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उन्होंने बताया कि प्रधान सचिव सुमन बिल्ला जो कि हाल तक राज्य सेवा में थे. इसके प्रभारी थे. जब वे केंद्रीय सेवा में चले गए तो उनका प्रभार के वासुकी को दे दिया गया. डॉ वी वेणु ने आगे बताया कि राज्य सरकार के आदेश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि उनकी क्या भूमिका रहेगी.
15 जुलाई को केरल सरकार ने सीनियर IAS अधिकारी के वासुकी को विदेशी सहयोग से संबंधित मामलों का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने इस कदम को संविधान की संघ सूची का उल्लंघन बताया था. उन्होंने एक्स पर लिखा कि LDF सरकार के पास विदेशी मामलों में कोई अधिकार नहीं है. और यह असंवैधानिक कदम एक खतरनाक मिसाल कायम करता है. क्या मुख्यमंत्री पिनरई विजयन केरल को एक अलग देश के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.
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