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"आपत्तिजनक शब्दों से नहीं होता महिला का अपमान", ये बोल HC ने फिल्ममेकर को छोड़ दिया

केरल हाई कोर्ट ने डायरेक्टर श्रीकुमार मेनन के खिलाफ केस खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ अपमानजनक शब्द कहना IPC की धारा 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) के तहत अपराध नहीं माना जाएगा.

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डायरेक्टर श्रीकुमार मेनन के खिलाफ एक एक्ट्रेस ने केस दर्ज कराया था. (फोटो: इंडिया टुडे)
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शिबीमोल केजी

केरल हाई कोर्ट ने फिल्म और ऐड डायरेक्टर श्रीकुमार मेनन के खिलाफ दायर एक केस को खारिज कर दिया है. मेनन के खिलाफ ये केस एक मलयालम फिल्म एक्ट्रेस ने दर्ज कराया था. उसने मेनन पर ‘आपत्तिजनक’ भाषा का इस्तेमाल करने और एक फिल्म की शूटिंग के दौरान ‘बुरा’ बर्ताव करने का आरोप लगाया था. डायरेक्टर की अपील पर केरल हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ‘केवल अप्रिय या अपमानजनक शब्द किसी महिला की गरिमा का अपमान नहीं हैं’.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीकुमार मेनन के खिलाफ त्रिशूर ईस्ट पुलिस स्टेशन में साल 2019 में FIR दर्ज की गई थी. अपनी शिकायत में एक्ट्रेस ने बताया था कि उन्होंने एक चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन बनाया था. अपने इस ऑर्गनाइजेशन की गतिविधियों के लिए उन्होंने श्रीकुमार मेनन की ऐड एजेंसी 'PUSH' के साथ एग्रीमेंट किया था. उन्होंने 'PUSH' के साथ कुछ विज्ञापनों में भी काम किया. 2013 में उनके और 'PUSH' के बीच हुआ एग्रीमेंट मेनन के साथ उनके कुछ मतभेदों के कारण 2017 में टर्मिनेट हो गया था.

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एक्ट्रेस ने आरोप लगाया कि इसके बाद, मेनन ने एक्ट्रेस के साथ 'अभद्र व्यवहार' किया. साल 2018 में मेनन द्वारा निर्देशित फिल्म में एक्टिंग के दौरान उन्हें 'मानसिक रूप से परेशान' किया. एक्ट्रेस ने आरोप लगाया कि फिल्म की रिलीज़ और प्रमोशन के समय श्रीकुमार मेनन उन्हें ‘बदनाम करने’ में लगे रहे. एक्ट्रेस ने अपनी शिकायत में आगे आरोप लगाया था कि अप्रैल 2018 से, मेनन ने फेसबुक और फोन के जरिए उनके करियर और सम्मान को प्रभावित करने वाले मैसेज भेजे.

एक्ट्रेस की शिकायत पर श्रीकुमार मेनन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया. इनमें IPC की धारा 354D (पीछा करना), 294(b) (अश्लील हरकत), 509 (किसी महिला के शील या गरिमा के ठेस पहुंचाने के इरादे से की गई हरकत) जैसी धाराएं शामिल थीं. इसके अलावा केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120(o) (किसी व्यक्ति को परेशान करना) भी लगाई गई.

श्रीकुमार मेनन को गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था. श्रीकुमार मेनन इसके खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे थे. अब कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है. उसने कहा कि महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने या उनकी निजता में दखल देने के इरादे के बिना अप्रिय या अपमानजनक शब्द कहना IPC की धारा 509 के तहत अपराध नहीं माना जाएगा. मेनन के खिलाफ अन्य धाराओं के तहत भी अपराध सिद्ध नहीं हो पाया. और कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज किए गए केस को खारिज कर दिया.

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