केरल सरकार ने स्टूडेंट पुलिस कैडेट में हिजाब पहनने की इजाज़त देने से किया इंकार. फोटो- SPC Twitter
केरल सरकार ने एक मुस्लिम छात्रा की हिजाब पहनने की अपील को खारिज कर दिया है. छात्रा राज्य की स्टूडेंट पुलिस कैडेट (SPC) परियोजना में शामिल है. छात्रा ने अपने धार्मिक रीति रिवाजों के तहत पूरी बांह की ड्रेस और हिजाब पहनने की इजाज़त मांगी थी. सरकार ने छात्रा की मांगों को खारिज करते हुए कहा है कि इस तरह की छूट देने से राज्य में सेक्युलरिज्म प्रभावित होगा. केरल की 'स्टूडेंट पुलिस कैडेट परियोजना' स्कूलों में युवाओं के विकास के लिए एक पहल है. इसके तहत स्टूडेंट्स को कानून व्यवस्था और पुलिस सिस्टम से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है. उन्हें कानून का सम्मान करना और अनुशासन में रहना सिखाया जाता है.
क्या है पूरा मामला?
केरल के कोझीकोड जिले के कुट्टियादी इलाके के एक सरकारी स्कूल में भी छात्रों को 'स्टूडेंट पुलिस कैडेट परियोजना' के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है. इसी स्कूल में आठवीं की एक छात्रा रिजा नाहन ने स्टूडेंट पुलिस कैडेट से जुड़े अधिकारियों से पूरी बांह की ड्रेस के साथ हिजाब पहनने की इजाज़त मांगी. रिजा को इसकी अनुमति नहीं दी गई. बताते हैं कि कैडेट से जुड़े नोडल अधिकारियों ने अपील को ठुकराते हुए कहा कि कैडेट के दस वर्षों के इतिहास में कभी भी इस तरह की मांग नहीं आई है. इसके बाद रिजा ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट ने भी उनकी अर्जी को खारिज कर दिया.
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में क्या कहा?
केरल हाईकोर्ट के इंकार के बाद रिजा नाहन ने सीधे राज्य सरकार से हिजाब पहनने की इजाजत मांगी थी. जिसपर केरल सरकार के गृह मंत्रालय ने अब निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय ने रिजा नाहन की अपील को खारिज करते हुए कहा है,
"सरकार ने छात्रा के ज्ञापन पर गंभीरता पूर्वक विचार किया. इसके बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि शिकायतकर्ता की मांग विचारणीय नहीं है. अगर स्टूडेंट पुलिस कैडेट परियोजना में इस तरह की छूट पर गौर किया जाता है, तो भविष्य में इसी तरह की अन्य इकाईयों में भी ऐसी ही मांग की जाएगी, जो राज्य की धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित करेगी.''
इंडिया टुडे के मुताबिक केरल सरकार के गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है,
"यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एनसीसी और स्काउट्स एंड गाइड्स के पास भी वर्दी है, जिसका छात्रों की धार्मिक पृष्ठभूमि से कोई संबंध नहीं है. छात्र पुलिस परियोजना के पीछे का विचार ही एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना है, जो राष्ट्र को पृष्ठभूमि के सभी अंतरों से ऊपर रखे. इसलिए इस तरह की इजाजत देना सही नहीं है."