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जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से प्रियंका लड़ रहीं चुनाव, केरल के CM ने बड़ा दावा किया है

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बोले- जमात-ए-इस्लामी हिंद की राजनीतिक शाखा, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया WPI, संगठन के लिए एक ढाल है. WPI ने इस हफ्ते की शुरुआत में राज्य में आगामी उपचुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को अपना समर्थन दिया था.

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केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस को घेरा (फाइल फोटो- आजतक)

केरल में होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस पार्टी को लेकर बड़ा दावा कर दिया है (Kerala CM Vijayan on Congress). CM ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी इस्लामी शासन के पक्ष में है.

6 नवंबर को कलपेट्टा में वायनाड से CPI(M) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी के लिए कैंपेन इवेंट के दौरान CM विजयन ने कहा,

प्रियंका गांधी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ रही हैं. इस संबंध में कांग्रेस का क्या स्टैंड है? हमारा देश जमात-ए-इस्लामी से अपरिचित नहीं है. उनका अपनाया हुआ दृष्टिकोण लोकतांत्रिक व्यवस्था के पक्ष में नहीं है. वो लोकतांत्रिक व्यवस्था को महत्वपूर्ण नहीं मानते. जमात-ए-इस्लामी के लिए दुनिया भर में इस्लामी शासन ही महत्वपूर्ण है. इसका मतलब है कि कांग्रेस इस्लामी शासन के पक्ष में है.

उन्होंने आगे कहा,

जमात-ए-इस्लामी हिंद की राजनीतिक शाखा, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया WPI, संगठन के लिए एक ढाल है. उसी WPI ने इस हफ्ते की शुरुआत में राज्य में आगामी उपचुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) को अपना समर्थन दिया था.

उन्होंने कहा,

कभी-कभी केरल में जमात-ए-इस्लामी कहते हैं कि वो जम्मू-कश्मीर से अलग हैं लेकिन जमात की एक ही नीति है. वो है इस्लामी दुनिया की स्थापना. वो किसी भी तरह की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को स्वीकार नहीं करते. ये उनकी विचारधारा है और अब वो UDF की मदद करना चाहते हैं.

जमात-ए-इस्लामी हिंद की प्रतिक्रिया

CM के इस बयान पर जमात-ए-इस्लामी हिंद का रिएक्शन भी सामने आया है. संगठन के केरल अध्यक्ष पी मुजीब रहमान ने CM से सवाल किया,

ये बताएं कि उन्होंने संगठन के प्रति अपना दृष्टिकोण क्यों और कब बदला? हाल के लोकसभा चुनावों में जमात ने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में CPI(M) का समर्थन किया था. तब CPI(M) ने हमारा समर्थन क्यों नहीं ठुकराया? केरल में हम 2004 से सभी चुनावों में CPI(M) का समर्थन कर रहे हैं. 2020 तक CPI(M) ने WPI के समर्थन से कई स्थानीय निकायों पर शासन किया.

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पी मुजीब रहमान ने कहा कि विजयन तब मेजोरिटी वोट बैंक को एकजुट करना चाह रहे थे.

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